शिक्षा कर्मियों का मार्च का वेतन अटका…. CEO को ज्ञापन…..विकास राजपूत बोले- CM का आदेश भी नहीं मान रहे अफसर

Chief Editor
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रायपुर ।   नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने मार्च माह का वेतन भुगतान करने की मांग को लेकर दुर्ग  जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा । मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शिक्षाकर्मियों को बताया कि शिक्षाकर्मियों के वेतन हेतु आबंटन नहीं है आबंटन हेतु राज्य को मांग पत्र भेज दिया गया है  ।  आबंटन आते ही वेतन भुगतान किया जायेगा ।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ  दुर्ग जिला  इकाई के अध्यक्ष संजीव मानिकपूरी ने कहा है कभी भी शिक्षाकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलता ।  वेतन के लिए हमें हमेशा कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ता है ।  शिक्षा विभाग में खराब व्यवस्था दोषी है  । शिक्षाकर्मियों को समयमान वेतन स्वीकृत तो होता है परन्तु समयमान वेतन नहीं दिया जाता 03 वर्षों से समयमान वेतनमान का एरियस नहीं मिला है । शीघ्र वेतन भुगतान की मांग करने ज्ञापन सौंपने वालों में  श्रीमती नंदिनी देशमुख संगीता बैस , श्रीमती वर्षा तैलंग , संगीता राणे वीणा तुली,सुषमा ठाकुर संजय मानिकपूरी , नीतूहरमुख ,पुर्णिमा टाँडिया मणिकांत मरकाम ,धनेश नेताम,सुनील शर्मा, नरसिंह साहू,विष्णु शंकर साहू , प्रमोद सुतार , प्रमोद साहू ,  हेमंत टांडिया  शामिल थे।
  नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेशाध्यक्ष और  मोर्चा के संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा कि  अधिकारियो द्वारा मुख्यमंत्री  के निर्देशो की  खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है । पांच तारीख तक सभी शिक्षाकर्मियों को वेतन देने का निर्देश मुख्यमंत्री  द्वारा 2014 मे अधिकारियो को दिया जा चुका है ।लेकिन आज तक अधिकारियो द्वारा अमल नही किया गया ।  साथ ही शिक्षाकर्मियों के आंदोलन के बाद विभिन्न मांगो पर मुख्य सचिव के अध्यक्षता मे कमेटी का गठन कर रिपोर्ट तीन महीने के अंतर्गत प्रस्तुत करने का निर्देश मुख्यमंत्री  ने दिया  . लेकिन आज चार महीना समाप्त हो गया ।  परन्तु कमेटी की रिपोर्ट का अता – पता नही है  । बल्कि अधिकारियो को अध्ययन के नाम पर राजस्थान के सैर सपाटा का मौका दिया गया है । वेतन के लिए राशि नही और अध्ययन के नाम पर सैर सपाटे के लिए हजारो रुपये खर्च करने को तैयार है । कमेटी रिपोर्ट सौपे या न सौपे पर लाखो शिक्षाकर्मियों को कम से कम समय पर वेतन प्रदान करे । प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को ऐसे लेट लतीफ करने वाले कमेटी पर कोई विश्वास नही है ।
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