भाजपा नेताओं ने खोला अटल के खिलाफ मोर्चा…कहा…झूठा शपथ देकर प्रशासन को किया गुमराह…आपराधिक मामला दर्ज करे प्रशासन

BHASKAR MISHRA
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  बिलासपुर—कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव के खिलाफ भाजपा नेताओं ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। निर्वाचन आयोग को दी गयी गलत जानकारी और 14 हजार लोगों के नाम काटने की सिफारिश  के खिलाफ भाजपाइयों ने कांग्रेस नेता पर कार्रवाई की मांग की है।  भाजपा नेताओं की माने तो कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव को सस्ती राजनीति से बाज आना होगा। भाजपा नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन  कांग्रेस नेता के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराए। अन्यथा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता शहर के सभी थानों में अटल श्रीवास्तव के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराएंगे।

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                                         प्रशासन ने कांग्रेस नेता  शिकायत पर शहरी विधानसभा के चौदह हजार नाम काटने से पहले अटल श्रीवास्तव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने नोटिस जारी कर अटल श्रीवास्तव से जवाब मांगा है कि आखिर किस अधिकार के तहत शहर के विभिन्न बूथ से नाम काटने का आवेदन दिया है। जबकि इन बूथों  के ना तो मतदाता है और ना ही निवासी। प्रशासन ने अटल श्रीवास्तव को समय पर लिखित जवाब देने को कहा है। यद्यपि अटल श्रीवास्तव ने मौखिक रू पसे गलती स्वीकार कर लिया है।उन्होने कहा है कि जल्द ही अपनी सफाई में लिखित जवाब प्रशासन के सामने पेश कर देंगे।

                                           मालूम हो कि पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने आनलाइन शिकायत की  थी कि शहर विधानसभा  मतदाता सूची में गड़बड़ी है। कई लोगों के नाम बोगस हैं। करीब 14 हजार नामों पर अटल ने एतराज किया है। अटल ने आनलाइन शिकायत में 14 हजार नामों को मतदाता सूची से विलोपित किए जाने को कहा है।

एसडीएम ने कहा लिखित जवाब का इंंतजार

                      मामले  में बिलासपुर एसडीएम देवेन्द्र पटेल ने कहा कि यह सच है कि अटल श्रीवास्तव ने आनलाइन बोगस मतदाता होने की शिकायत की है। ऐसी शिकायत मान्य नहीं है। शिकायत नियम विरूद्ध भी है। क्योंकि अटल श्रीवास्तव  केवल अपने बूथ क्षेत्र के ही बोगस मतदाओं की शिकायत कर सकते हैं। शिकायत करने का अधिकार बूथ के मतदाताओं को ही होता है। अटल श्रीवास्तव एक बूथ के ही मतदाता हो सकते हैं। ऐसी सूरत में उनके आवेदन को माना नहीं जा सकता है। जब तक बूथ के मतदाता शिकायत नहीं करते हैं नाम हटाया नहीं जसका है। हटाने से पहले वेरीफिफेश किया जाता है। शिकायत के बाद ही

आवेदन और फार्म भरने में चूक

                     पीसीसी महामंत्री अटल ने कहा कि मुझे संशोधित फार्म 8 भरना था। शिकायत भी उसी फार्म से था। लेकिन त्रुटिबस फार्म की 8 की जगह फार्म सात भरा गया। मेरी शिकायत थी कि शहर विधानसभा में मतदाता सूची तैयार करते समय लापरवाही हुई है। एक ही परिवार के मतदाताओं का नाम अलग-अलग  जगह और बूथों में है। पत्नी पत्नि का नाम अलग अलग घर में बताया गा है। मेरी मांग थी कि नाम में संशोधन किया जाए। भरना फार्म 8 था लेकिन भूूलवश शिकायत फार्म सता में हो गयी। मौखिक रूपसे एसडीएम जानकारी दी है। लिखित में जवाब भी पेश कर दूंंगा।

      भाजपा नेताओं की माने तो निर्वाचन नियमावली में बूथ के बाहर के आदमी के लिये पुनरीक्षण नियम में कोई प्रक्रिया ही नहीं है ।   अटल श्रीवास्तव कौन से कानून के अंतर्गत लोगों के नाम पर आपत्ति कर रहे है। एसडीएम, कलेक्टर को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही करना।  ताकि कोई भी वोटर लिस्ट को अपनी जागीर समझकर नियमों से खिलवाड़ न कर सके।

  क्या है मामला..

पीसीसी  महामंत्री अटल श्रीवास्तव की ऑनलाइन शिकायत पर प्रशासन ने मिसिंग मानते हुए बिलासपुर विधानसभा से चौदह हजार नाम काट दिए हैं। जानकारी के बाद एसडीएम ने प्रारूप सात का हवाला देकर श्रीवास्तव को नोटिस भेजा। । देवेन्द्र पटेल ने कहा है कि सात दिन में जवाब नहीं मिलने पर अटल की आपत्ति को  निरस्त कर दिया जाएगा

अपराध दर्ज करने की मांग

      इधर भाजपा नेता रामदेव कुमावात,मनीष अग्रवाल,रोशन सिंह,दुर्गा सोनी,मकबूल अली,प्रवीण दुबे समेत दर्जनो भजापा नेताओं ने कहा कि यह भूल नहीं बल्कि साजिश है। अटल और उसके साथियों के खिलाफ  जन प्रतिनिधितव कानून की धारा 31 के तहत एसडीएम को कार्यवाही करना चाहिए। अटल श्रीवास्तव ने 14000 लोगो का नाम कटवाने के लिए  शपथ पत्र  भरा है। शपथ पत्र भरते समय निश्चित रूप से होश हवास में रहे होंगे। यदि नहीं ते तो उन्होने क्या नशा या थागया  यही बता दें।  पीसीसी महामंत्री ने छोटी गलती नहीं की है। गलती नहीं बल्कि  डेढ़ होशियारी है। क्या उन्हें नहीं मालूम हो कि 14000 झूठा घोषणापत्र भरना अपराध है।

   भजपा नेाताओं ने कहा कि जिला प्रशासन को  जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा 31 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। अटल श्रीवास्तव ने जानबूझकर 14000 बार नियमों का उल्लंघन किया है। अटल ने धोखेबाजी की  असफल कोशिश की है।  जिला प्रशासन को  कटघरे में खड़ा करने की असफल प्रयास किया है। ऐसे लोगो को  जेल भेजा जाना चाहिए।

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