व्याख्याता पंचायत/नगरीय निकाय को अब तक नहीं मिली प्राचार्य पद पर पदोन्नति,कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

Chief Editor
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रायपुर । छत्तसीगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे व्याख्याता पंचायत / नगरीय निकाय को अब तक पंचायत पद पर पदोन्नति नहीं दी गई है। इस मामले को अदालत में चुनौती देने की तैयारी की जा रही है।
 छत्तीसगढ़ व्याख्याता पंचायत / नगरीय निकाय संघ के प्रांताध्यक्ष और एकता मंच के संचालक कमलेश्वर सिंह ने एक बयान में जानकारी दी है कि   शिक्षक (पं/ननि)भर्ती एवम् सेवा की शर्ते 2012 एवम् 2013 में  07 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर सहायक शिक्षक (पं/ननि)को शिक्षक(पं/ननि) के पद पर तथा शिक्षक(पं/ननि)को व्यख्याता(पं/ननि)के पद पर पदोन्नत करने का प्रावधान है ।पदोन्नत पद का पुनरिक्षित वेतन प्राप्त कर रहा है परन्तु व्यख्याता(पं/ननि)को ना तो प्राचार्य पद पर  पदोन्नति दी जा रही है और ना क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर पुनरिक्षित वेतनमान ।इसी प्रकार सहायक शिक्षक(पं/ननि)एवम् शिक्षक(पं/ननि)को प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति नही दी जा रही है ।
छ.ग.व्यख्याता(पं)संघ के प्रान्ताध्यक्ष  कमलेश्वर सिंह ने छ.ग.स्कूल शिक्षा (राजपत्रित)सेवा की शर्ते तथा पदोन्नति नियम 13 अगस्त 2008 एवम् 22 मई 2014  को चुनोती देते हुए  उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की थी । उच्च न्यायालय ने wps no.1107 of 2015 दिनांक11.8.2015 में यह निर्णय पारित किया था कि याचिका कर्ताओ की आयु सीमा शासकीय सेवा में आने के अधिकतम आयु 45 वर्ष पार कर चुके हैं ।
जबकि प्राचार्य भर्ती एवम् पदोन्नति नियम 2008 एवम् 2014 में सीधी भर्ती में आने की अधिकतम आयु सीमा (समस्त छुट को मिलाकर)45वर्ष से अधिक न हो का प्रावधान है अतः इस नियम के तहत याचिका कर्ता सीधी भर्ती से प्राचार्य पद पर नियुक्ति के अपात्र हो जायेंगे ।अतः शासन ऐसी कोई ठोस निति बनाये जिससे उन्हें प्राचार्य पद के कुल स्वीकृत पद का 25 % पद पर शिक्षा कर्मी -एक  को जिन्होंने एक ही पद पर 10 वर्ष सेवा पूर्ण कर चूका हो पदोन्नति दी जाये ।परन्तु आज पर्यन्त तक स्कूल शिक्षा विभाग ने कोई निति नही बनाई है ।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि छ.ग.शासन ने  मुख्य मंत्री की घोषणा 26 अप्रैल 2013 की स्वीकृति की प्रत्याशा में केबिनेट की बैठक 11 मई 2013 को आयटम क्रमाँक 78.2 में यह संकल्प पारित किया है कि ” शिक्षक (पं/ननि)सवर्ग को पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराने हेतु प्राथमिक एवम् पूर्व माध्यमिक शालाओ में प्रधान पाठक (पं/ननि)तथा हाई स्कूल /हायर सेकण्डरी स्कूल में प्रचार्य (पं/ननि)के अतिरक्त पद पंचायतो एवम् नगरीय निकाय के अधीन निर्मित किया जाये तथा ऐसी पदोन्नति के लिए आवशयक पद सृजन करने के लिए दोनों विभागों की अधिकृत किया जाये ।पंचायत विभाग ने स्कूल शिक्षा विभाग को कई बार पत्र लिखा परन्तु शिक्षा विभाग ने आज तक एक भी पद नही दिया है ।
छ.ग.स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा कर्मियो को वरिष्ठता के आधार पर प्रधान पाठक एवम् प्राचार्य पद पर पदोन्नति हेतु नियम नही बनाये है जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को प्रति वर्ष प्रधान पाठक एवम् प्राचार्य के पद पर पदोन्नति दे रही है जो की भेदभाव की नीति है ।सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दिनांक 1.7.2016 में जानकारी मांगने पर विभाग द्वारा आनन फानन में  सचिव छ. ग.लोक सेवा आयोग को दिनांक 21 .9.2016 को प्राचार्य के 564 पदों को  शिक्षा कर्मियो से सीधी भर्ती से भरने के लिए पत्र लिखा । छ.ग.लोक सेवा आयोग ने अब तक इस बाबत कोई कार्यवाही की  ।आज की स्थिति में व्यख्याता(पं/ननि) 45 वर्ष की अधिकतम आयु को पार करते हुए  लगभग 52-55 पार कर चुके है ।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि यदि स्कूल शिक्षा विभाग इसी सत्र ने व्यख्याता(पं/ननि) को वरिष्ठता  के आधार पर प्राचार्य पद पर पदोन्नति के नियम नही बनाते है तो पुनः उच्च न्यायलय में चुनोती दी जायेगी । यदि शिक्षक (पं/ननि)सवर्ग को सीधी भर्ती से प्रधान पाठक /प्राचार्य के नियम बनाते है तो 45 वर्ष के अभ्यर्थी अपात्र हो जयेंगे  ।अतः इन्हें भी चुनोती दी जायेगी ।अतः कमलेश्वर सिंह ने शिक्षक(पं/ननि)सवर्ग को वरिष्ठता के आधार पर प्रधान पाठक एवम् प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने की मांग की है ।
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