पुलिस पर भारी कांग्रेसियों की चाल…तू डाल डाल-हम पात पात..निषेधाज्ञा के बाद भी असहाय नजर आए एसडीएम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एसडीएम की निषेधाज्ञा कांग्रेसियों के सामने धरी की धरी रह गयी। कांग्रेसियों ने कुछ ऐसा किया कि निषेधाज्ञा का सम्मान भी रह गया। और कांग्रेसी अपने मंसूबों में कामयाब भी हो गए। दारा 144 के बीच कांग्रेसियों ने धरना भी दिया। नियम टूटते देख पुलिस भी कुछ कर नहीं पायी। कांग्रेसियों ने लगातार 23 वें दिन भी सफाई कर्मचारियों की नियमितिकरण को लेकर आंदोलन किया। और पुलिस हाथ पर हाथ रखे खड़ी रही।

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                   विकास भवन में कांग्रेसियों ने लगातार 23 दिन भी क्रमिक धरना प्रदर्शन किया। निषेधाज्ञा के बाद भी पुलिस कांग्रेसियों को हाथ नहीं लगा सकी। कांग्रेसियों की ह़डताल को तोडने की कोशिश नाकामयाब साबित हुई। विकास भवन के सामने धरना प्रदर्शन पर बैठे कांग्रेसियों को पुलिस ने कलेक्टर का नोटिस थमाया। पुलिस प्रशासन ने बताया कि कलेक्टर के आस पास धारा 144 लगाया गया है। पांच से अधिक लोग एक साथ कहीं बैठ या झुण्ड में खडे नहीं हो सकते। ऐसा करने वालों को गिरप्तार किया जाएगा। नोटिस पढ़ने के बाद कांग्रेसियों ने तत्काल दरी को मोड़ा। तीन लोगों को छोड़कर सब धरना से उठ गए। इधर उधर टहलने लगे।

                    पुलिस ने जब धरने पर बैठे नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन,अखिलेश वाजपेयी और पंचराम सूर्यवंशी को हाथ लगाया  कांग्रेसियों ने एक साथ विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेसियों ने कहा कि हम लोग यहां के पार्षद हैं। तीन लोग ही दरी पर बैठे हैं। अन्य कांग्रेसियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सभी लोग अपने काम से निगम कार्यालय आए हैं। इसलिए हमें यहां से कोई नहीं उठा सकता है। निषेधाज्ञा के अनुासर पांच लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इसलिए हम लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की पुलिस कार्रवाई करना नियम के खिलाफ है।

                     इस दौरान धरना प्रदर्शन को लेकर टीआई और एसडीएम के साथ कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय और शैलेश जायसवाल के बीच धरना प्रदर्शन को लेकर जमकर बातचीत हुई। एसडीएम और थाना प्रभारी शैलेश पाण्डेय और शैलेन्द्र जायसवाल के साथ निरूत्तर रहे। शेख नजरूद्दीन ने कहा कि में जनप्रतिनिधि हूं। विकास भवन में मुझे बैठने का अधिकार है। मेरे साथी भी जनप्रतिनिधि हैं इसलिए पुलिस को कार्रवाई का अधिकार नहीं है।

                                   बहरहाल कांग्रेसियों के सामने कलेक्टर का आदेश कोई काम नहीं आया। निषेधाज्ञा का पालन कराने पहुंची पुलिस को बैकफुट होना पड़ा। कुल मिलाकर मौके पर तू डाल डाल और मैं पात पात का नजारा दिन भर देखने को मिला। पुरे समय तक पुलिस नियम तोड़ने का इंंतजार करती रही। विकास भवन के सामने घंटो डग्गा खड़ा रहा । दो बजे के बाद खाली डग्गा को थाना लौटना पड़ा।

                        धरना पर बैठे शेख नजरूद्दीन ने कहा कि यदि एक दिन पहले यज्ञ पूरा हो जाता तो शायद मेयर को सद्बबुद्धि आ जाती। अधूरा यज्ञ होने से मेयर बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है। इसलिए पुलिस को 144 के साथ भेजा है।

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