बिलासपुर । प्रेमचंद जयंती के 135 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हिंदी विभाग , गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की ओर से एकल व्याख्यान का आयोजन किया गया । जिसके मुख्य वक्ता के रूप में शीतेंद्र चौधुरी ने अपने विचार रखे। इप्टा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मधुरेश तथा सचीन शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो.विशन सिंह राठौड़ के उद्बोधन ने इस आयोजन को सार्थक विमर्श की ओर प्रेरित किया | इस व्याख्यान के संयोजक मुरली मनोहर सिंह ने व्याख्यान की शुरुआत में विषय प्रवेश के साथ मुख्य वक्ता शीतेंद्र चौधरी को मंच प्रदान किया | प्रेमचंद का परिचय , उनके लेखन , उनकी वैचरिकी और कृतियों के आधार पर उसके सामाजिक यथार्थ का विवेचन एक आलोचक के रूप में शीतेंद्र चौधरीजी ने किया | वैश्विक समस्याओं के बीच हिंदी साहित्य और कथाकार की लेखनी की सजगता को जाहिर करते हुए भारतीय परिवेश में इन समस्याओं के प्रभाव और उसकी चिंता को प्रेमचंद की कहानियों , उपन्यासों में उपस्थिति को व्यक्त करते हुए शीतेंद्र चौधरी जी ने अपना सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया | व्याख्यान के अंत में विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.रमेश कुमार गोहे, ने धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया