रायपुर— जनता कांग्रेस मीडिया प्रमुख और छतीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के प्रथम अध्यक्ष इक़बाल अहमद रिज़वी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लगाए रखना अनुचित बताया है। जिजवी ने कहा कि जिन्ना की तस्वीर को बहुत पहले ही हटा दिया जाना चाहिए था। यदि ऐसा किया गया होता तो किसी तत्व को हंगामा या विरोध करने की नौबत ही नहीं आती है।
रिजवी ने बताया कि जिन्ना पाकिस्तान के निर्माता थे। हिन्दुस्तान की तस्वीर को उन्होने ने ही बिगाड़ा है। वर्ना देश की तस्वीर आज दूसरी होती । सभी भारतीयों को भारतीय होने पर गर्व है। देश के सौहाद्र को खराब करने का अवसर किसी को भी नहीं है। देश का मुसलमान जिन्ना को कभी माफ़ नहीं करेगा । क्योकि जिन्ना ने ही देश का विभाजन करवाया। जिन्ना की तस्वीर को ना केवल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बल्कि समुचे देश से हटा दिया जाना चाहिए।
रिज़वी ने कहा कि देश का हर मुसलमान पैगम्बर मोहम्मद साहब और उनके भतीजे और दामाद हजरत अली को जान से भी ज्यादा चाहता है। लेकिन उन महान दोनों आराध्य हस्तियों के साथ जिन्ना शब्द नागवार गुजरता है। जिन्ना शब्द से मुसलमानों को कोई सरोकार नहीं है। देश के मुसलमानों को जिन्ना से कोई नाता नहीं रखना चाहिये। जैसे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम में से देशवाशियों को केवल आराध्य राम से ही मतलब रखना चाहिये। नाथू और गोडसे नामो से देश के हर व्यक्ति को नफरत है। हत्यारे गोडसे से नफरत होना सभी के लिए लाजमी भी है।
रिज़वी ने स्मरण दिलाते हुए प्रेस नोट जारी किया है कि देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवानी ने पाकितस्ना जाकर बटवारे के उत्तरदाई जिन्ना के मकबरे पर श्रधांजलि अर्पित करते हुए जिन्ना को सेकुलर बताया था। देशवासियों को नाकाबिल ए-बर्दाश्त लगा। उस समय कुछ लोगो ने आडवानी की आलोचना जरुर की थी परन्तु कट्टरपंथियो ने उनके विरुद्द किसी प्रकार का प्रदर्शन या पुतला दहन नहीं जलाया था। ना ही देश में किसी प्रकार का हंगामा किया गया । इसलिए मेरा मानना है देश में किसी भी वर्ग या समाज के व्यक्ति या समुदाय को कोई कार्य ऐसा नहीं करना चाहिये जिसे देश का सौहाद्रपूर्ण एवं भाईचारे का वातावरण दूषित हो।
रिज़वी ने कहा है कि जिन्ना भारत के मुसलमानों का आदर्श कदापि नहीं हो सकते। जिन्ना ने देश के विभाजन में सक्रिय भुमिका निभा कर भारत के मुसलमानों का अहित किया है। फूट डालो और राज करो की अलगाववादी मंशा रखने वाले साम्प्रदायिक दलों और संगठनों को एकजुट होने का अवसर दिया है। जो देश के सौहार्द के लिए खतरा बनता जा रहा है। पाकिस्तान ना बना होता तो आज हिंदुस्तान में मुसलमानों की आबादी पचास करोड़ से ज्यादा होती। आज जो लोग मुस्लिमो की वर्तमान आबादी से परेशान और चिंतित है उनके लिए तो जिन्ना ने पाकिस्तान बना कर मसीहा का काम किया है। विभाजन के लिए जिम्मेदार जिन्ना का अलगाववादियो और फूट डालो और राज करो की नीति पर चलने वाले तत्त्वों को जिन्ना का एहसानमंद होना चाहिये।