बैंकर्स ने किया जंगी हड़ताल का एलान..तीन दिन रहेगा कामकाज बंद..ललित ने बताया..सरकार की पालिसी में खोट

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—आईबीए की मनमानी के खिलाफ बैंकर्स ने यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले जंगी हड़ताल का एलान किया है। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, छतीसगढ़ के उप महासचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार और आईबीए की निष्क्रियता और मनमानी से बैंकर्स परेशान हैं। जिसके चलते कर्मचारियों में आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इसलिए हड़ताल पर जाना मजबूरी है। संभव है कि इस दौरान खाताधारकों को परेशानियों का भी सामना करना पड़े।

             
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                ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, छतीसगढ़ के उप महासचिव और एआईपीएनबीओए बिलासपुर मंडल सचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि आईबीए और केन्द्र सरकार बैंकर्स के हितों को लेकर गंभीर नहीं है।1 नवम्बर 2017 से  बकाया 11वा त्रिपक्षीय वेतन समझौते पर आईबीए और केंद्र सरकार ध्यान नही देने से बैंकर्स में गहरी नाराजगी है। अपनी बातों को रखने बैंकर्स ने यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के झंडे तले 30 मई 2018 सुबह 6 बजे से 1 जून 2018 सुबह 6 बजे तक 48 घण्टों की अखिल भारतीय बैंक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।

                  ललित अग्रवाल ने बताया कि संगठन ने आईबीए और केन्द्र की बैंकर्स के प्रति उदासीनता को देखते हुए फैसला किया है कि 17, 24 और 29 मई 2018 को जंगी विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।

                                  ललित अग्रवाल ने बताया कि जंंगी प्रदर्शन से बैंक के कामकाज प्रभावित होंगे। आम जनता को होने वाली असुविधा के लिए बैंकर्स क्षमा याचना करते हैं। उन्होने बताया कि पिछले चार सालों में जनधन, जीवन ज्योति, जीवन सुरक्षा, विमुद्रिकरण, मुद्रा, स्टैंड अप, अटल पेंशन जैसी शासकीय योजनाओं के असीमित दबाव के बावजूद बैंकर्स ने देश और जनहित में काम किया। सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको की 90437 शाखाओ ने 1,57,982 करोड़ के परिचालन लाभ अर्जित कर लगातार बढ़ते एनपीए और प्रति व्यक्ति 2730 लाख का व्यवसाय करने के बाद भी मात्र 2% की बढोत्तरी से बैंकर्स निराश हैं।

         ललित ने बताया कि इसके लिये बैंकर्स नहीं बल्कि सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। जनता से निवेदन हैं कि अपने बैंकिंग कार्य 30 मई के पहले पूरा कर लें। साथ ही बैंकर्स के हड़ताल का समर्थन भी करें।

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