रायपुर।संविलियन की मांगों पर मुखर शिक्षाकर्मियों ने केवल शिक्षकों की उपस्थिति टेबलेट से लेना पूर्णतः गलत बताया है। अब टेबलेट पर हाजिरी बनाने की बाध्यता के खिलाफ भी कड़े रुख अपना रहे है। हालांकि प्रदेश में जब से स्कूलों में टेबलेट प्रदाय किया गया था तभी से इसके विरोध की सुगबुगाहट भी सुनाई दे रही थी,पर अब बस्तर जिले के सभी शिक्षकों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। इस मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन समस्त शैक्षिक कर्मचारी संगठनों ने एकजुट होकर दिया है।
जिसमे उन्होंने टेबलेट के माध्यम से केवल शिक्षक समुदाय की उपस्थिति दर्ज करने को गलत बताया है और मांग किया गया है कि इस पर विराम लगना चाहिए। समस्त संगठनों ने इसकी मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा है कि शिक्षक जो ईमानदारी से अपना कार्य करता है और बेहतर परिणाम देता है, उन्हें इस तरह परेशान करना अथवा अन्य कर्मचारियों से पृथक व्यवहार करना बिल्कुल उचित नही है।
इस विषय पर शिक्षक पँ ननि मोर्चा के प्रांतीय संचालक विरेंद्र दुबे ने कहा कि शिक्षकों के साथ यह सौतेला व्यवहार बन्द होना चाहिए। शिक्षक जिसकी ईमानदारी ही पूंजी होती है, लेकिन छग में सिर्फ शिक्षकों के ऊपर टेबलेट के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है। वह शिक्षक जो घण्टी बजाकर स्कूल आता है और घण्टी बजाकर स्कूल से जाता है, उसकी ईमानदारी को शंका की नजर से देखा जा रहा है। यदि सरकार अनुशासन चाहती है तो प्रदेश के समस्त कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी भी इस टेबलेट के दायरे में आने चाहिए अन्यथा स्कूलों में भी ई हाजिरी बन्द हो।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष जोगेन्द्र यादव ने बताया कि बस्तर के समस्त शैक्षिक कर्मचारी संगठन लामबंद होकर इस ई हाजरी का विरोध कर रहे हैं। हम केवल शिक्षकों का ही ई हाजिरी लिए जाने को गलत मानते है। इसे बन्द किया जाना चाहिए अथवा सब पर लागू होना चाहिए।