फर्जी सर्टिफिकेट वाले कर्मियों पर कसेगा शिकंजा

Chief Editor
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रायपुर । राज्य शासन ने आरक्षित वर्गों के फर्जी अथवा गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर शासकीय नौकरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के ऐसे प्रकरणों जिनमें न्यायालयों द्वारा स्थगन दिए गए हैं, उन्हें समाप्त करने के लिए जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश समस्त विभागों को दिए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में समस्त विभागाध्यक्षों, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल बिलासपुर, संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों तथा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 31 जुलाई 2015 को परिपत्र जारी किया गया है।
इस परिपत्र में सात साल पहले अर्थात 24 जुलाई 2008 को जारी परिपत्र का संदर्भ देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कड़ाई से करने के निर्देश दिए गए हैं। नये परिपत्र में कहा गया है कि 24 जुलाई 2008 को जारी परिपत्र के पैरा पांच में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के झूठे (फर्जी/गलत) प्रमाण-पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाले शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण-पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति की जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किए जाने की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित झूठे जाति प्रमाण-पत्र धारक की नियुक्ति को निरस्त करने तथा उनकी सेवाएं तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए विभागीय जांच व अन्य जांच की आवश्यकता नहीं है। जिन प्रकरणों में माननीय न्यायालयों द्वारा स्थगन दिया गया है। उन प्रकरणों में स्थगन समाप्त करने के लिए संबंधित प्रशासकीय विभागों को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।  परिपत्र में कहा गया है कि शासन के ध्यान में यह लाया गया है कि संबंधित प्रशासकीय विभागों द्वारा उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। अतः उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए तथा प्रकरणों में की गई कार्रवाई की जानकारी आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग को भेजी जाए।

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