मंगलवार को मध्यप्रदेश शिक्षाकर्मियों के भाग्य का फैसला…कैबिनेट में संविलियन पर होगी चर्चा..छत्तीसगढ शिक्षकों की रहेगी टकटकी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मंगलवार को मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में  प्रदेश के दो लाख 84 हजार व्याख्याता शिक्षक, सहायक शिक्षक  के भाग्य का फैसला हो जाएगा। कयास लगाया जा रहा है कि शिवराज सिंह सदन में प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की लंबे समय की संविलियन की मांग पर मुहर लगा देंगे। इसी के साथ ही छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों में भी संविलियन को लेकर उम्मीद जग गयी है। सोशल मीडिया में चर्चाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। कुछ शिक्षाकर्मियों ने सीजी वाल को बताया कि मध्यप्रदेश में संविलियन पर केबिनेट की मुहर लगने के बाद छ्तीसगढ़ सरकार पर भी दबाव बनेगा।
                                         मध्यप्रदेश शिक्षा कर्मी नेता अध्यापक संघर्ष समिति संचालक  हीरानंद नरवरिया ने बताया कि अध्यापक संघर्ष केवल शिक्षा विभाग मे संविलियन को लेकर ही नही है। यह बात शासन को भी समझने की जरूरत है। संविलियन पर ही जोर देने से सरकार के पास कहने का अवसर होगा कि अध्यापको ने जो मांगा हमने दिया। संविलियन के साथ 2013 से समान कार्य समान वेतनमान छठवां और सातवां वेतनमान  एरियर के साथ देना होगा। , शिक्षाकर्मी, संविदा शाला शिक्षक और गुरूजी नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता को प्राथमिकता भी देना सरकार की जिम्मेदारी है। उम्मीद है कि शिवराज सिंंह चौहान शिक्षको की सारी समस्याओं का निराकरण करेंगे।
                       अध्यापक संघर्ष समिति म.प्र. के संचालन समिति सदस्य रमेश पाटिल ने बताया कि 29 मई को मध्यप्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक होगी। बैठक पर अध्यापको की भी नजर होगी। अध्यापकों को उम्मीद है कि 12 मई 1994 के शिक्षक संवर्ग को मृत घोषित करने के निर्णय को पलट दिया जायेगा। शिक्षक संवर्ग के पदो को पुनर्जीवित कर अध्यापको का शिक्षा विभाग मे सम्पूर्ण सेवा शर्तो के साथ संविलियन किया जाएगा। मंत्रीमंडल के निर्णय के बाद भी संविलियन मे समय लग सकता है। अध्यापको ने सरकार से भविष्यलक्षी लाभ नियमित पेंशन, जीपीएफ, बीमा, ग्रेच्युटी को प्राप्त करने हेतु शिक्षाकर्मी, संविदा शाला शिक्षक,गुरूजी नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, 1994 के सेवाशर्तो के अनुसार शिक्षा विभाग मे संविलियन की मांग थी।आशा है  मुख्यमंत्री  मध्यप्रदेश शासन अध्यापको की मंशा के अनुसार निर्णय लेगे।
                            छत्तीसगढ़ के शिक्षक मोर्चा के नेता केदार जैन ने बताया कि 29 मई को मध्यप्रदेश की कैबिनेट बैठक में संविदा शिक्षको के संविलियन की  मुहर लग सकती है। छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षाकर्मी निर्णय का स्वागत करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार यदि प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को कमेटियों के जाल में फंसाती है तो संविदा शिक्षको के अन्याय होगा । कमेटियों ने शिक्षकों का कभी भला नहीं किया है। शिक्षाकर्मियों को जो मिलना था..ाज तक नहीं मिला है। छत्तीसगढ़ में अब आर-पार की लड़ाई है। चुनाव नजदीक है। एक बार कमेटियों के जाल में फंस गए तो फिर हमेशा के लिए फंसे रहेंगे।
                           छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा संचालक  विकास सिंह राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश के पंचायत शिक्षको का शिक्षा विभाग मे संविलियन का मुहर 29 मई को लग जाएगा। इसका असर छत्तीसगढ़ के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मियों पर भी पड़ेगा। उम्मीद है कि मध्यप्रदेश मे सेवा नियम बनाने के लिए छ.ग.की तरह कमेटी बनाकर देर नही किया जाएगा।
                 शिक्षक मोर्चा नेता वीरेंद्र दुबे ने कहा कि यदि शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर यदि मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट मुहर लगती है तो हम उसका स्वागत करते हैं।  विश्वास है कि सरकार संविलियन समेत सभी मांगों को पूर्ण करेगी। उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ सरकार भी शिक्षाकर्मियों के संविलियन मांगो को पूरा करेगी। क्योंकि छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति मध्यप्रदेश से बेहतर है।
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