शिक्षाकर्मियों ने फिर दिया अल्टीमेटम…10 जून के बाद निकालंगे संविलियन यात्रा…रायपुर में जंगी प्रदर्शन का किया एलान

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर—पांच जून बीतने के बाद शिक्षाकर्मियों की बेचैनियां बढ़ गयी हैं। शिक्षकों में खुसुर फुसुर शुरू हो गयी है कि एक बार फिर तो कहीं सरकार छल तो नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री ने एलान किया था कि 5 जून का इंतजार करना चाहिए। कई लोगों को लगने लगा है कि कहीं पांच जून जुमला साबित होने वाला है।
                    नवीन शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा की शिक्षाकर्मियों को  सरकार ने मजाक बनाकर रख दिया है। पिछले कई महीनों से 5 तारीख आते ही सोशल मीडिया में लोग एक दूसरे का मजाक उड़ा रहे हैं। अब तो लोगों ने महीने की पांच तारीख को लबरा दिवस कहना शुरू कर दिया है।
                  विकास सिंह राजपूत ने कहा कि अब तो लगने लगा है कि महीने की पांच तारीख मतलब लबरा दिवस। राजपूत ने बताया कि कभी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि महने की पांच तारीख तक प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मियों को किसी भी हालात मे वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।  शिक्षाकर्मी आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न मांगो पर विचार करने कमेटी का गठन किया। 5 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया। लेकिन पांच मार्च तक रिपोर्ट पेश नहीं किया जा सका।
              विकास ने बताया कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सामने 5 जून तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जानकारी दी थी।  इसके बाद एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी और उनका परिवार बेसब्री से पांच जून का इंतजार करने लगा। पांच तारीख आयी जरूर..लेकिन ना तो प्रस्ताव सामने आया और ना ही पांच तारीख  के अन्दर कभी वेतन ही मिला।
                          प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा है की 10 जून तक सरकार को हर हालत में प्रस्ताव पेश करने के लिए दबाव बनाया जाएगा। शिक्षाकर्मियों के  वेतन विसंगति मे सुधार, वर्ष बन्धन रहित संविलियन, शासकीयकरण समेत सम्पूर्ण सुविधा प्रदान करने का निर्णय नही लिया गया तो 11 जून से 17 जून के बीच प्रदेश के पांचो सम्भाग से संविलियन यात्रा निकाली जाएगी। संविलियन यात्रा विकास सिंह राजपूत,संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे,केदार जैन और चन्द्रदेव राय के नेतृत्व निकाली जाएगी। राजधानी रायपुर मे पड़ाव डालकर एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी अपनी मांगो को पूरा कराने के लिए प्रदर्शन करेंगे।
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