दादा ने लाइन अप ऐक्शन की दिशा मोड़ने को किया मजबूर..रिजवी ने कहा…भागवत ने भी रखा अलग विचार

BHASKAR MISHRA
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रायपुर—जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ मीडिया प्रमुख इकबाल अहमद रिजवी ने आरएसएस हेडक्वार्टर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के भाषण को देशवासियों के लिए प्रेरणादायक बताया है। रिजवी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि संघ मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के आधा घंटे के भाषण मेंजो विचार व्यक्त किये वह देश के सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों के लिये बहुत बड़ा मंत्री है।

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              रिजवी ने कहा कि नागपुर में प्रणव दा ने बताया कि नफरत से देश को खतरा है। सहिष्णुता देश की ताकत है। अवाम की खुशी ही देश की उपलब्धि है। प्रणव दा ने नागपुर में जो कुछ भी कहा सबको हतप्रभ करने वाला था। लोग कयास लगा रहे थे कि पूर्व राष्ट्रपति संघ कार्यालय में क्या बोलेंगे। ऐसा उनके अपने लोग बोल रहे ते। लोगों ने तो यहां तक कहा था कि दादा को संघ के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए।

            रिजवी ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी नपे तुले शब्दों में संघ की स्थापित सोच से अलग हटकर विचार व्यक्त किये । जो काफी प्रेरक भी थे। लेकिन उन्होने यह कहकर चौका दिया कि संघ वही रहेगा जो वह है। रिजवी ने प्रेस नोट जारी कर जवाब मांगा है कि देशवासी भागवत से इस बयान का अर्थ समझना चाहते हैं।

             रिजवी ने बताया कि नागपुर में प्रणव दा और मोहन भागवत ने लीक से हटकर कोई विचार व्यक्त नहीं किये जो काबिलेतारीफ हैं। किसी को किसी भी कार्यक्रम में जाने से रोकना गैरवाजिब है। प्रणव दा देश के प्रथम नागरिक रह चुके हैं। उन्हें भलीभांति विदित है कि कहाँ जाना है और क्या कहना है। इसलिए उनको रोकना या सीख देना किसी के भी लिये उचित नहीं है।

                प्रणव दा ने अपने विचारों से देशवासियों का दिल जीत लिया है। अपने भाषण में व्यक्त उद्गार से सिद्ध कर दिया है कि देश के सेक्यूलर संविधान को बदलने की मानसिकता रखने वाले दल या संगठनों को निराशा ही हाथ लगेगी। प्रणव दा ने अपने विचारों से बता दिया है कि समरसता, सौहार्द और आपसी तालमेल ही देश की बेशकीमती धरोहर है। नष्ट करने वालों का देश में कोई भविष्य नहीं है। प्रणव दा ने स्पष्ट किया है कि ‘‘फूट डालो और राज करो’’ की नीति देश की एकता एवं अखंडता के लिये घातक है। दादा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की लाइन अप ऐक्शन की दिशा मोड़ने संघ को मजबूर कर दिया है।

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