जब मंत्री ने कहा..जल है तो कल है…भविष्य की चुनौतियों को दें मुंहतोड़ जवाब…19 लोगों को किया सम्मानित

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा हर तरफ लोग भविष्य में पानी की समस्या को लेकर चिंतित हैं। जनसेवक होने के कारण मुझे भी उतना ही चिंता है जितना लोगों को। बेहतर होगा कि हम भविष्य की चुनौतियों को अभी ही स्वीकार कर लें। इसी में बुद्धिमानी है। हमें कुछ ऐसा करना होगा कि भविष्य की पीढ़ी को कभी भी पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े। अमर अग्रवाल ने यह बातें अपने निवास कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। निकाय मंत्री ने इस दौरान पानी संरक्षण के लिए 19 उद्योगपतियों को सम्मानित किया है। कार्यक्रम का अायोजन छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के बैनर तले किया गया।

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                      छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के बैनर तल एक कार्यक्रम में पानी संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने वाले 19 उद्योगपतियों,व्यापारियों और समाजसेवकों को निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने सम्मानित किया। इस दौरान अमर अग्रवाल ने कहा कि दूसरों को निर्देश देना बहुत ही सरल है। लेकिन अमल करना मुश्किल होता है। लेकिन मैने एक महीने पहले खासतौर पर उद्योगपतियों, व्यापारी और समाज सेवा से जुड़े लोगों को कहा कि पानी वर्तमान में कम लेकिन भविष्य की बहुत बड़ी चिन्ता है। समाज के जागरूक इंसान होने के कारण लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का निर्देश देने से पहले खुद अमल करें। खुशी है कि 19 लोगों ने बिना किसी मदद से ऐसा कर दिखाया। मै कार्यक्रम में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

                      निकाय मंत्री ने इस दौरान व्यक्तिगत जानकारी को भी साझा किया। अमर ने कहा कि निर्देश देने से पहले मैने खुद कुछ दिनों पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम पूरा कराया। अब लोगों को कह सकता हूं कि शहर के सभी लोग आने वाली पीढ़ी की चिन्ता करते हुए अपने घरों में प्राथमिकता के आधार पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाएं। भविष्य की चुनौतियों को आज ही स्वीकार कर..आने वाली चुनौतियों को दूर भगाएं। क्योंकि जल है तो कल है।

                        अमर अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश के समय से ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने की बात सामने आयी थी। छत्तीसगढ़ में लोगों ने ध्यान नहीं दिया। क्योंकि हमें कभी भी प्रकृति से संघर्ष का मौका नहीं मिला। लेकिन अब चिन्ता महसूस हो रही है। संघर्ष के पहले ही उसका निदान कर लिया जाए तो बेहतर है। पानी का अपव्यय रोंकें। पानी को लेकर कंजूस बनें। अमर अग्रवाल ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनने से पहले जल स्तर बढ़ेंगा। पानी का संकट हमें छू भी नहीं सकेगा।

                 अमर ने कहा मध्यप्रदेश के समय रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए पांच हजार रूपए जमा कराए जाते थे। लेकिन छत्तीसगढ़ में कभी ऐसी स्थिति नहीं आयी कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जरूरत हो। लेकिन अब जरूरत है। इसका मतलब यह नहीं की प्रदेश में पानी की समस्या है। दरअसल यह तो जरूर मालूम हो गया है कि भविष्य में पानी का संकट आने वाला है। इसलिए शासन ने जल स्तर बढ़ाने और पानी को बचाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाया जाए। किसी प्रकार का शुल्क शासन स्तर पर नहीं लगाया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं करने पर हो सकता है कि भविष्य में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए शुल्क लगा दिया जाए।

इस दौरान छत्तीसगढ़ लघु एवं उद्योग सहायक उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश केडिया ने भी संबोधित किया। उन्होने बताया कि नर्मदा कोल्ड ड्रिंग्स के नवनीत गर्ग और उद्योगपति अशोक जाजोदिया ने ना केवल जल संरक्षण बल्कि पर्यावरण के लिए उल्लेखनीय काम किया है। जिसे हम हमेशा याद रखना चाहेंगे।

कार्यक्रम में निकाय मंत्री ने नवनीत गर्ग,संजय अग्रवाल,एन.एस.राजू,चन्द्रकांत भट्ट,अनिल अग्रवाल,योगेश गुप्ता,बालचंद जायसवा,संतोष सिंघानियां, संजय गुप्ता, चन्द्रप्रकाश बजाज, विकास केजरीवाल, चन्द्रप्रकाश वर्मा, नरेश अग्रवाल, निमेश बजाज, सी.आर,मुंदड़ा, प्रताप लालचंदानी, रचित जैन, सुनील मरदा और चन्द्रशेखर नायक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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