आउटसोर्सिंग के खिलाफ फूटा गुस्सा..केदार जैन ने कहा…रसूखदार बिचौलियों ने किया छत्तीसगढ़ियों का अपमान

BHASKAR MISHRA
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रायपुर/बिलासपुर—संयुक्त शिक्षाकर्मी प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने आउटसोर्सिंग कर अंग्रेजी शिक्षक बनाए जाने का विरोध किया है। केदार जैन ने बताया कि शासन की इस पालिसी का संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ समेत शिक्षक मोर्चा संघ विरोध करेगा। केदार जैन के अनुसार पहले शिक्षक पंचायत पदोन्नत्ति पद स्वीकृत किया जाए। डीपीआई शिक्षा विभाग पदोन्नति के लिए शिक्षाकर्मी वर्ग तीन से शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के लिए पद  स्वीकृत करे। अकेले रायपुर में ही अंग्रेजी साहित्य के करीब आधा सैकड़ा से अधिक शिक्षाकर्मी स्नातक हैं।

             
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                     संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने आउटसोर्सिंंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केदार जैन ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि आउटसोर्चिंग से पदो को भरना शिक्षक पंचायत संवर्ग के हितों पर कुठाराघात है…और अपमान भी। केदार जैन ने बताया कि शासन का राग अलापना कि अंग्रेजी शिक्षा के शिक्षकों की भारी कमी है। दरअसल ऐसा कहना प्रदेश के शिक्षाकर्मियों का अपमान है। जबकि अकेले रायपुर में ही शिक्षाकर्मियों में आधा सैकड़ा से अधिक लोग अंग्रेजी साहित्य में स्नातक हैं।

                                      संयुक्त शिक्षा कर्मी संघ छत्तीसगढ़ प्रांताध्यक्ष केदार जैन, ओम बघेल, अर्जुन रत्नाकर, कार्तिक गायकवाड़, सोहन यादव,ताराचंद जायसवाल, हेमकुमार साहू ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर बताया कि प्रदेश आउटसोर्सिंग से भारी नुकसान है। रायपुर जिला पंचायत समेत अन्य जिलों जैसे कबिरधाम धमतरी राजनांदगांव,बिलासपुर समेत कई ज़िलों में दो सालों से पदोन्नति प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

      शिक्षाकर्मी नेताओं ने बताया कि प्राथमिक शाला में पढ़ाने वाले सहायक शिक्षक पंचायत विगत कई दिनों से पदोन्नति की आस लगाकर बैठे हैं। ऐसे में लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ का आउटसोर्सिंग का निर्णय भेदभाव और अन्याय करने वाला है। एक तरफ मूलभूत कर्मचारी हक क्रमोन्नति का वेतनमान मुँह से निवाला छीनने की तरह है। उस पर पदोन्नति छीनकर  प्रदेश के बाहरी लोगों को रोजगार दिया जाना काफी दुखद है। दरअसल शासन के कुछ रसूखदार लोग आउटसोर्सिंग का ठेकेदार बनकर चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए दलाली कर रहे हैं।

                                  केदार ने बताया कि संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ ने पहले भी पंचायत और शिक्षा विभाग को लिखित में बताया था कि पदों को पदोन्नति के अनुसार भरा जाए। अंग्रेजी के अच्छे जानकार और मेधावी लोग शिक्षाकर्मी हैं। उनके पास सारी योग्यताएं भी हैं। यदि ऐसे लोगों के हितों को नजरअंदाज किया जाता है तो शिक्षक संवर्ग विरोध करेगा।

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