छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश ) ।मध्यप्रदेश में शिक्षकों के संविलयन की घोषणा की गई है। लेकिन संविलयन नीति में पति-पत्नी के समायोजन को लेकर किसी तरह की नीति स्पष्ट रूप से नहीं बनाई गई है। जिससे बरसों से अलग – अलग रह रहे अध्यापकों की समस्याओँ का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए अध्यापक अब तनाव से मुक्ति के लिए सामूहिक तलाक की माँग करने की तैयारी कर रहे हैं।
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यह जानकारी देते हुए अध्यापक रमेश पाटिल ने कहा पति-पत्नी का रिश्ता बना ही इसलिए है कि दोनो साथ मे रहे और अपने निकटता से उपजे प्रेम की वर्षा आने वाली पीढ़ी पर साथ रहकर कर सके।बुजुर्गो की उनके रहते देखभाल हो सके।भावी पीढ़ी का भविष्य सुधर सके।बच्चे किसी के वारिस होने पर भी लावारिस कहलाने से बच सके।
रमेश पाटिल कहते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार की अध्यापक संवर्ग मे कार्यरत पति-पत्नी से ना जाने क्या दुश्मनी है कि संविलियन नीति मे भी पति-पत्नी का एक स्थान पर समायोजन को अनिवार्य करने का साहस नही दिखा सकी और ना ही अलग से कोई नीति बनाने की इच्छा शक्ति दिखा पाई।
अध्यापक संवर्ग मे कार्यरत दम्पति ने दिल पर पत्थर रखकर किसी तरह परिविक्षा अवधि अलग-अलग रहते तो गुजार दी । लेकिन अध्यापक संवर्ग मे संविलियन होने के बावजूद स्थानांतरण से लम्बे समय से विमुख है।कारण है मध्यप्रदेश मे अध्यापक संवर्ग मे कार्यरत पति-पत्नी के स्थानांतरण नीति का ना होना।इसे सरकार का अनुदार रवैया ही कहा जायेगा कि मध्यप्रदेश राज्य शासन के कर्मचारी व स्थानीय निकाय के कर्मचारियो के लिए पति-पत्नी समायोजन नीति सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई तो गई है पर यह अध्यापक संवर्ग पर लागू नही है।
उन्होने आगे बताया कि बहुत लम्बे समय से अलगाव एवं एकाकी जीवन के कारण पति-पत्नी मे तनाव की स्थिति के सैकडो उदाहरण है।कई अप्रिय घटनाये घटित हो चुकी है और तलाक भी हो चुके है लेकिन सामाजिक मर्यादाओ के कारण मीडिया की सुर्खिया नही बन पाई।मध्यप्रदेश सरकार के अध्यापक संवर्ग मे कार्यरत पति-पत्नी के प्रति अनुदार रवैये से आने वाले समय मे सैकडो रिश्तो की बलि चढ जायेगी।मध्यप्रदेश सरकार इसी देश मे और अपने ही प्रदेश मे बने पति-पत्नी के एक स्थान पर समायोजन के कानून से भी कुछ सीखने की ओर लालायित नही दिखती।रमेश पाटिल ने कहा कि अध्यापक संवर्ग मे कार्यरत पति-पत्नी का जीवन नारकीय बने और उसकी काली छाया भावी पीढ़ी और बुजुर्ग पीढी के साथ स्वयं के भी जीवन पर पडे इससे अच्छा होगा की पति-पत्नी तलाक ही लेकर तनाव से मुक्ति पा ले।इसलिए तनाव ग्रस्त पति-पत्नी अध्यापक संवर्ग सामूहिक तलाक मांग की ओर बढ रहा है।रिश्तो मे सेंधमारी की जवाबदेही मध्यप्रदेश सरकार की होगी कि पति-पत्नी के रिश्ते का मूलाधार निकटता भी प्रदान करने मे सक्षम नही है।