कांग्रेस नेता शैलेश ने कहा…राजनीतिक छवि को धूमिल करने की साजिश…दस्तावेजों के साथ करूंगा खुलासा..बेनकाब होंगे स्वनामधन्य चेहरे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। कोटा थाने में महेंद्र मानिकपुरी ने सीवीआरयू के प्रमुखों के खिलाफ बीती रात एफआईआर दर्ज कराया है। कांग्रेस नेता  शैलेश पांडे ने  पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बताया है। प्रेस नोट जारी कर कांग्रेस नेता ने कहा है कि कुछ विघ्न संतोषी लोग विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने के साथ ही मेरी राजनीतिक छवि को बरबाद करने का बीड़ा उठाया है। जनता इस बात को चंद घंटो में ही समझ गयी है। लेकिन मैने फैसला किया है कि पुख्ता दस्तावेजों के साथ ऐसे नाम का खुलासा करूंगा..जो इस साजिश में शामिल हैं। ऐसे लोगों को कोर्ट में भी घसीटूंगा।
                   एफआईआर दर्ज के बाद  शैलेश पाण्डेय ने पूरे मामले में उंगली उठाई है। पाण्डेय ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि जब कुछ स्वनामधन्य नेताओं की दाल नहीं गली तो मेरी राजनीति को धूमिल करने का बीड़ा उठा लिया है। पाण्डेय ने कहा कि शिकायतकर्ता प्रमेंद्र मानिकपुरी कोटा में  शराब दुकान  के सामने चखना सेंटर  चलाता है। उसने किसके इशारे पर एफआईआर कराया यह जांच का विषय है।मैं भी इसका जल्द ही खुलासा करने वाला हूं।
                शैलेश पाण्डेय ने कहा कि कोटा में चर्चा की विषय है कमोबेश सभी लोग जानते हैं कि प्रमेन्द्र मानिकपुरी चखना सेन्टर चलाने के अलावा फर्जी डिग्री  बनाने का भी काम करता है। लोगों को ब्लैकमेल करना उसका पेशा है। इसकी जानकारी पुलिस को भी है। जबकि उसके खिलाफ थाने में कई बार शिकायतें हुई हैं। बावजूद इसके प्रमेन्द्र के खिलाफ अब तक पुलिस कार्रवाई नहीं हुई है। इसकी मुख्य वजह वह चखना सेन्टर चलाता है। सत्ता  के दबाव में उसने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।
                           कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पांडे ने कहा कि मामले से पर्दा उठाने का समय आ गया है। फर्जीवाड़े का दस्तावेज भी तैयार है। इसके पीछे जिन बड़े नेताओं हाथ है उन्हें बेनकाब करने का समय आ गया है। सबका नाम जल्द ही प्रमाणित दस्तावेजों के साथ सामने लाउंगा। शैलेश पांडे ने कहा पुलिस में शिकायत होती रहती है। शिकायत के बाद जांंच भी होती है। जांच के बाद जरूरत पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज होता है। यह सब पुलिस की दैनिक प्रक्रिया में शामिल है। इसलिए हम भी जांच के तैयार हैं। यदि पुलिस जांच के लिए बुलाती है तो हम सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
             शैलेश ने कहा कि यहां सब कुछ उल्टा हो रहा है। बिना जांच एफआईआर दर्ज कर लिया गया। इससे जाहिर होता है कि पुलिस सरकार के दबाव में काम कर रही है। बिना जांच किए अपराध दर्ज कर लिया जाया है।सीधा अर्थ है कि पुलिस प्रशासन दबाव में किसी की कुंठा को शांत करने के लिए कार्रवाई कर रही है।
        पाण्डेय ने कहा कि बात समझ से परे है कि बिना जांच और पूछताछ के मामला दर्ज कैसे कर लिया गया । जिन चार वरिष्ठ लोगों के नाम पर एफआईआर का मामला दर्ज हुआ है। सोचकर दुख होता है कि पुलिस ने कार्रवाई के पहले दिमाग लगाने की जहमत तक नही की। संतोष चौबे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं।  कुलाधिपति सीधे तौर पर विश्वविद्यालय से नहीं जुड़े होते हैं। इसी तरह डिप्टी रजिस्ट्रार प्रशासन और डिप्टी रजिस्ट्रार मानव संसाधन के नाम पर एएफआईअर समझ से परे है। मामला पूरी तरह से राजनीतिक है। विश्वविद्यालय और अधिकारियों की छवि को धूमिल करने की कोशिश हुई है। पूरे मामले में सरकार और उसके मंत्री शामिल हैं।
              शैलेश पांडे ने कहा कि प्रमाणिक दस्तावेज के साथ जल्द ही बड़े नेताओं के नाम और जरूरी दस्तावेजों को सामने लाउंगा। मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाउंगा।
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