नए शिक्षा सत्र का पहला दिन…..”संविलयन – गुलदस्ते ” से होगा स्वागत…1 लाख 80 हजार शिक्षा कर्मियों को कैबिनेट फैसले का इंतजार….

Chief Editor
3 Min Read
रायपुर ।  छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल का नया शैक्षणिक सत्र सोमवार 18 जून से शुरू हो रहा है। यूं तो हर साल इस दिन की अपनी अलग अहमियत होती है। चूंकि भावी पीढ़ी – बच्चों के लिए यह दिन नए उत्साह के साथ स्कूल में दाखिल होने का दिन होता है और अपने स्कूल में उनका स्वागत टीका लगाककर किया जाता है। शिक्षक भी जोश -खरोश के साथ नए सत्र की शुरूआत करते हैं। लेकिन इस बार यह दिन शिक्षकों के लिए और भी खास हो गया है। चूंकि सोमवार को ही कैबिनेट की मीटिंग होने वाली है, जिसमें शिक्षा कर्मियों के संविलयन के फैसले पर मुहर लगने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ के करीब 1 लाख 80 हजार शिक्षा कर्मी इस उम्मीद के साथ कैबिनेट मीटिंग का इंतजार कर रहे हैं कि नए सत्र में उनका स्वागत संविलयन के गुलदस्ते के साथ होगा।

Join Our WhatsApp Group Join Now

यह भी पढे-मिल रही खबर..क्रमोन्नत के साथ होगा संविलियन..?वर्ष बंधन की रहेगी भूमिका..?दिल थाम कर बैठे शिक्षाकर्मी

डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall
हमसे facebook पर जुड़े-  www.facebook.com/cgwallweb
twitter- www.twitter.com/cg_wall

सोमवार को  शाला प्रवेश उत्सव है आज के दिन शिक्षक बच्चों का टीका लगाकर स्वागत करेंगे। आज के दिन से नए बच्चों की खोज में प्रदेश के शिक्षक गांव की गलियों की ओर और अंगबाड़ियो में  जांयेंगे। इस बार नए सत्र की शुरूआत का दिन   छत्तीसगढ़ के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन हैं।

23 साल के संघर्ष का ऐतिहासिक दिन है।
आज शिक्षाकर्मियों के संविलियन व मांगो पर कैबिनेट की बैठक होने वाली है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार कमेटी के बनाये हुए ड्राफ्ट को मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा। उसके बाद जो निर्णय होगा शिक्षा कर्मियो के लिए ऐतिहासिक होगा। प्रदेश भर के 1 लाख 80 हजार शिक्षा कर्मियों को उस पल का इंतजार है, जब नए सत्र के पहले दिन उनका स्वागत संविलयन – गुलदस्ते से होगा।
 आज से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कॉसमॉस टेबलेट पर उपस्थिति फिर से  अनिवार्य हो जाएगी। आज से स्कूलों में पढ़ाई भी शुरू हो जाएंगी। छत्तीसगढ़ बोर्ड की कुछ कक्षाओं की किताबों के पैटर्न में बदलाव किया गया है।उन कक्षाओं में अब उस बदले हुए पैटर्न के हिसाब से पढ़ाई शुरू हो जाएगी । आज से ही स्कूलो का प्रबंधन अगर ठीक  रहा होगा तो सरकारी स्कूलों के निर्धन छात्रों को स्कूल यूनिफार्म और किताबे मिल जाएगी। आज से ही  स्कूलो में बिजली, पीने का पानी, शौचालय की बुनियादी  सुविधाओं का उपयोग स्कूलों में शुरू हो जाएगा। यह अलग बात है की कुछ स्कूलों में सुविधाएं होगी यह नहीं है ।
close