पुलिस कर्मियों ने आँदोलन में शामिल नहीं होने लिखित में दिया शपथ…. रोके गए संदेही… जमीन पर नजर नहीं आया सोशल मीडिया में प्रचारित आँदोलन ..

Chief Editor
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बिलासपुर । पुलिस कर्मियों की सुविधाओँ की मांगों को लेकर कथित रूप से प्रस्तावित धरना- प्रदर्शन शुक्रवार को नहीं हो सका। हालांकि इसे लेकर न तो कोई अधिकारिक घोषणा हुई थी और न किसी संगठन या व्यक्तियों के नाम सामने आए थे। इसकी चर्चा पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर थी, जिसमें पुलिस परिवारों के हवाले से कुछ सुविधाओँ की बात उठाई जा रही थी। लेकिन शुक्रवार को नेहरू चौक पर पुलिस बल की तैनाती और  पुलिस परिवार के कुछ लोगों की रोकथाम से यह जाहिर हो रहा था कि किसी भी स्थिति को रोकने के लिए पुलिस ने पक्का इंतजाम कर रखा था। साथ ही कथित आँदोलन को रोकने के लिए सभी थानों में अधिकारियो-कर्मचारियों से लिखित शपथ लिए जाने की भी जानकारी मिली है।

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पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट वायरल होती रही है कि छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों को जरूरत के हिसाब से सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। साथ ही इसे लेकर 22 जून को पुलिस परिवार की ओर से धरना – प्रदर्शन किए जाने की चर्चा भी सोशल मीडिया में होती रही है। कथित रूप से इसे पुलिस आँदोलन के रूप में देखा जा रहा था और शुक्रवार को इसकी प्रतिक्रिया को लेकर लोग उत्सुक भी थे। लेकिन ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया। दिन के समय नेहरू चौक पर पर्याप्त पुलिस बल का इंतजाम जरूर नजर आया। साथ ही संदेहियों पर भी नजर रखी गई थी। इस दौरान खबर मिली कि आईजी ऑफिस की ओर जा रहे कुछ लोगों को रोककर पहले सिविल लाइन थाने भेजा गया फिर उन्हे छोड़ दिया गया। संदेहियों की रोकथाम के दौरान ऐसे कुछ लोग भी रोके गए , जो या तो किसी को बस में छोड़ने आए थे या बच्चे को स्कूल लेने गए थे। मोटे तौर पर इसके अलावा और कोई हलचल नजर नहीं आई।किसी भी संभावित स्थिति को रोकने के लिए पुलिस के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात रहे। उनके बीच से यह प्रतिक्रिया जरूर सुनने को मिली कि महकमे के बड़े अधिकारी ही छोटे अधिकारियों के दुश्मन हैं । जिन पर छोटे कर्मचारियों की समस्याओँ को सरकार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है। लेकिन वे नहीं पहुंचा पाते हैं। जिससे इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

उधर कथित आँदोलन को रोकने के लिए जिले के सभी थानों में अधिकारियों – कर्मचारियों से लिखित शपथ – पत्र लिए जाने की जानकारी मिली है। खबर है कि जिसमें सभी जवानों  ने अपने थाना प्रभारियों को लिखित में दिया है कि पुलिस आँदोलन में वे खुद या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सम्मिलित नहीं होगा। शपथ पत्र का पालन नहीं करने की स्थिति में दण्ड का भागीदार रहूँगा…..। इसी तरह  सभी थाना  प्रभारियों ने भी एसपी को लिखित में दिया है कि थाने में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि कतिपय लोगों की ओर से प्रस्तावित और प्रचारित आंदोलन में पुलिस अधिकारी- कर्मचारी या उनके परिवार के लोग शामिल नहीं होंगे। इसके लिए उनसे इस संबंध में शपथ पत्र लिया गया है।

गौरतलब है कि कथित पुलिस आंदोलन की चर्चा सोशल मीडिया में होने के बाद इस सिलसिले में आला अफसरों के बीच भी सक्रियता बढ़ गई थी। बिलासपुर जिला पुलिस कप्तान आरिफ शेख ने इस सिलसिले में एक कांस्टेबल को बर्खास्त कर दिया है । साथ ही एक  कांस्टेबल को शो-काज नोटिस जारी किया गया है। शुक्रवार की सुबह ही कथित आँदोलन के प्रमुख सूत्रधार राकेश यादव की गिरफ्तारी की खबर भी आई। इसका असर भी देखा गया।

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