युवा नेता ने फोड़ा मिस्टर नटवर लाल का भांडा…रजनीश ने बनाया कमिश्नर और कलेक्टर का फर्जी सील और दस्तावेज….आईजी को भी दी जानकारी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—अधिवक्ता और युवा कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा ने तहसील कार्यालय में सक्रिय मिस्टर नटवरलाल का भांडा फोड़ने का दावा किया है। सिद्धांशु मिश्रा ने बताया कि तथाकथित अधिवक्ता कम दलाल रजनीश साहू फर्जी दस्तावेज बनाकर अधिकारियों से लेकर कोर्ट तक को गुमराह किया है। आईजी दीपांशु काबरा से लिखित शिकायत में युवा नेता ने बताया कि रजनीश साहू कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय का फर्जी सील सिक्का बनाकर दस्तावेज तैयार करता है। इसके बाद अधिकारियों के साथ ब्लैकमेलिंग का खेल खेलता है। जो अधिकारी रजनीश साहू के मुगालत में नहीं आते उन्हें उसी फर्जी दस्तावेज के सहारे कोर्ट तक घसीटता है। युवा नेता ने बताया कि इसकी जानकारी आरटीआई से मिले दस्तावेज के बाद हुई है। आईजी ने सिद्धांशु की शिकायत पर उचित कार्रवाई का संकेत दिया है।

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                                                                                  पेशे से अधिवक्ता और युवा कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा ने तथाकथित अधिवक्ता कम दलाल रजनीश साहू के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। सिद्धांशु मिश्रा ने बताया कि रजनीश साहू लम्बे समय से तहसील के अलावा कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय के अधिकारियों को ब्लैकमेल करता है। रजनीश घर में ही सरकारी फर्जी दस्तावेज तैयार करता है। उसके पास कमिश्नर, कलेक्टर और तहसील कार्यालय का सील सिक्का है। फर्जी सील सिक्का के दम पर आलाधिकारियों को ब्लैकमेल करने के अलावा जमीनों की दलाली भी करता है। जिसके कारण लोग लम्बे समय से परेशान हैं। फर्जी दस्तावेज के सहारे उसने हाईकोर्ट को भी गुमराह किया है।

आरटीआई से हुआ खुलासा

            सिद्धांशु ने आईजी से शिकायत के बाद पत्रकारों को बताया कि रजनीश साहू ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर सोनगंगा स्थित मनोहर लाल मिश्रा के घर को सरकारी जमीन पर होना बताया। उसने कोर्ट को बताया कि कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय में मामले की शिकायत भी की। लेकिन प्रशासन ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है। उसने कोर्ट के सामने कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय को दिए गए आवेदन पत्र की पावती को भी पेश किया। यद्यपि कोर्ट ने फैसला मनोहर लाल मिश्रा के पक्ष में गया।

                       इस बीच उसने छानबीन के दौरान पाया कि कोर्ट में पेश कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय की पावती और आवेदन में कुछ गड़बड़ी है। शक होने पर उसने व्यक्तिगत स्तर पर दस्तावेजों को हासिल किया। सच्चाई का पता लगाने कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय में रजनीश साहू के दस्तावेजों और पावती के लिए आरटीआई लगाया।

                    सिद्धांशु ने बताया कि दोनों कार्यालयों से आरटीआई के माध्यम से रजनीश साहू के माध्यम से कोर्ट में पेश की गये शिकायती पावती की मांग की। कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय से 1 फरवरी 2013,  6 मई 2015, 6 फरवरी 2014 और 1 फरवरी 2013 में रजनीश साहू को दिए गए पावती,आवेदन की छायाप्रति के साथ दर्ज शिकायत पंजी देने को कहा।

                          कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय ने लिखित में बताया कि रजनीश साहू ने मांगी गयी तारीख को ना तो आवेदन दिया है। और ना ही कार्यालय से उसे पावती ही दी गयी है। सिद्धांशु ने बताया कि दस्तावेज मिलने के बाद मेरा शक..पुख्ता हो गया। दस्तावेज मिलने के बाद पुरा विश्वास हो गया कि रजनीश साहू फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाता है। लोगों को बेवजह परेशान कर ब्लैकमेल करता है।

घर में तैयार करता है फर्जी दस्तावेज..सील सिक्का भी फर्जी

                 सिद्धांशु के अनुसार कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय से मिले दस्तावेजों और जवाब के बाद जाहिर हो गया कि रजनीश साहू फर्जी सील सिक्का से फर्जी तरीके से सरकारी दस्तावेज बनाता है। सिद्धांशु ने शक जाहिर किया कि शायद रजनीश साहू की कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय में गहरी पैठ हो। या फिर वह फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने दोस्तो से पंजीयन में दर्ज कराए बिना ही सील सिक्का लगवा लेता हो। सच्चाई तो यह है कि रजनीश साहू के पास कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय का सील सिक्का ही नहीं बल्कि अन्य विभागों के फर्जी सील भी हैं। यदि पुलिस कार्रवाई हो तो रजनीश को रंगे हाथों पकड़ा जा सकता है।

                 सिद्धांशु के अनुसार रनजीश साहू ने अभी तक हजारों लोगों को इसी फर्जीवाड़े के दम पर लाखों करोड़ों रूपए की उगाही की है। कई तहसीलदारों ने उसकी ब्लैकमेलिंग से तंग आकर बिलासपुर तहसील से भागना पड़ा है।

आई जी से की शिकायत

                सिद्धांशु ने बताया कि प्रमाण के साथ रजनीश साहू के खिलाफ आईजी से शिकायत की है। आईजी ने भी शिकायत को गंभीरता से लिया । उन्होने कहा है कि जल्द ही पुलिस मामले की तहकीकात करेगी। फर्जावाड़ा करने वाले रजनीश साहू ही नहीं बल्कि किसी भी शख्स को नहीं छोड़ा जाएगा।

रायपुर में बैठे बड़े अधिकारी के पीए से करवाता है फोन

                पत्रकारों को युवा नेता ने बताया कि रजनीश साहू मूलतःदलाली और ब्लैकमेलिंग का काम करता है। रायपुर में एक बड़े अधिकारी के पीए से उसकी अच्छी छनती है। पीए बिलासपुर में राजस्व के अधिकारियों को फोन करता है। इसके बाद रजनीश साहू फोन किए गए सम्बधित अधिकारी के पास जाता है। रूपयों की डीमांड करता है। अधिकारी को डरकर मुंह मांगी रकम देने को मजबूर होना पड़ता है।

                             सिद्धांशु ने बताया कि जल्द ही रजनीश की कई करतूतों को उजागर करूंगा। उसे जेल तक पहुंचाकर दम लूंगा।

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