बिलासपुर सहकारी बैंक में 50 करोड़ से अधिक धन काला…जोगी का खुलासा…नोटबंदी में दोनों पक्ष के नेताओं ने जमा किया 280 करोड़..अब घेराव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— मरवाही विधायक अमित जोगी ने प्रेस नोट जारी कर सरकार से मांग की है कि सहकारी बैंकों में जमा नोटबन्दी का काला पैसा प्रदेश के किसानों को सूखा राहत में दिया जाए। जोगी ने बताया कि नोटबन्दी के दौरान छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंकों में लगभग 280 करोड़ रूपए जमा हुए। बावजूद इसके प्रदेश के गरीब किसान को कोई राहत नहीं मिली है। बेहतर होता कि भाजपा नेताओं के खाते में जमा तथाकथित काला से सफेद हुए धन को गरीबों के लिए राहत कार्य में बांट दिया जाए।

             
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  मरवाही विधायक अमित जोगी ने बताया कि नोटबन्दी के बाद सहकारी बैंकों में जमा धन भाजपा नेताओं की काली कमाई है। नोटबंदी के दौरान छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंकों में लगभग 280 करोड़ रुपयों की राशि जमा हुई है। यह जानकरी आरटीआई से मिली है। मरवाही विधायक  ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे जीते हैं। 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग निम्न माध्यम वर्गीय हैं। नोटबन्दी के दौरान भाजपाई नेताओं के बैंकों में 280 करोड़ रुपये का धन एकत्रित हो जाता है।

                        जोगी ने बताया कि नोटबन्दी तारीख के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित में 32 करोड़ 52 लाख रूपए मूल्य के पुराने नोट जमा हुए है। सिर्फ पांच दिनों में बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, जगदलपुर, रायपुर और राजनांदगाव के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में क्रमिक 50 करोड़ 29 लाख, 56 करोड़ 96 लाख, 10 करोड़ 88 लाख, 29 करोड़ 33 लाख, 60 करोड़ 64 लाख और 38 करोड़ 77 लाख रूपए जमा हुए। नोटबंदी के बाद प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में 5 दिनों में ही लगभग 247 करोड़ रूपए जमा किये गए।

    अमित जोगी ने कहा कि साफ है कि यह धन सफेद नही बल्कि काला है । भाजपाई नेताओं ने सहकारी बैंकों का दुरुपयोग कर अपना काला धन इन बैंकों में फ़र्ज़ी नामों से जमा किया है। प्रदेश में एक तरफ सहकारी बैंक किसानों को ऋण पटाने को लेकर परेशान हैं। वहीं इन बैंकों में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचारी अपना पैसा सुरक्षित रख ऐश कर रहे हैं।

                          विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए अमित जोगी ने कहा कि प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नोटबंदी के बाद गुजरात के बैंकों में जमा राशि तो याद आती है लेकिन छत्तीसगढ़ के विषय में मौन धारण किये हुए हैं। 4 वर्षों में एक बार छत्तीसगढ़ भ्रमण पर जरूर आते हैं। लेकिन  इतने गंभीर विषय पर मुंह नहीं खोलते हैं। सवाल उठना वाजिब है कि क्या विपक्षी दल के नेताों का भी काला धन  सहकारी बैंकों में है।

   अमित जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों के साथ मिलकर 25 जून को सहकारी बैंकों का घेराव करेगी। सरकार पर किसानों का ऋण माफ करने, सुख राहत और मुआवजा देने का दबाव बनाएगी।

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