हाईकोर्ट से मिली नटवरलाल को फटकार…कहा…जानबूझकर किया गुमराह…कोर्ट का कीमती समय किया बरबाद

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

बिलासपुर–हाईकोर्ट ने तथाकथित आरटीआई कार्यकर्ता रजनीश साहू को फटकारा है। पुलिस और तात्कालीन गृहसचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने के बाद निरस्त भी कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि रजनीश साहू ने जानबूझकर कोर्ट का कीमती समय बरबाद किया है। निरस्त आदेश पर अवमानना नोटिस की मांग कर कोर्ट के कामकाज पर अनावश्यक बोझ डाला है। जबकि वह जानता है कि जिस आदेश को लेकर अवमानना आदेश की मांग की गयी है। उसे पहले से ही कोर्ट ने निरस्त किया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                            मालूम हो कि तहसीलदार घनश्याम महिलांगे और अन्य के खिलाफ तथाकथित एक्टिविस्ट रजनीश साहू ने एसीबी के माध्यम से सरकंडा थाना में तहसीलदार महिलांगे और अन्य के खिलाफ 156/3 के तहत एफआईआर दर्ज कराया था। तीन महीने के बाद मामले में कार्रवाई नहीं होते देख रजनीश साहू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 11 सितम्बर 2017 को पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी कर जांच पड़ताल के बाद पेश करने को कहा।

                     6 महीने के बाद रजनीश साहू ने हाईकोर्ट में रिट पीटिशन लगाया। बताया कि पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लेते हुए अब तक आरोपियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया है। मामले में गृहविभाग सचिव व्ही.व्ही.आर सुब्रामण्यम और सरकंडा थाना प्रभारी राहुल तिवारी के खिलाफ कोर्ट ऑफ कन्टेम्पट का आदेश जारी किया जाए। रजनीश साहू की याचिका पर हाईकोर्ट न्यायाधीश ने कोर्ट ऑफ कन्टेम्पट आदेश जारी कर दिया।

                                        इस बीच घनश्याम महिलांगे और अन्य के वकील क्षितिज शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि कोर्ट ऑफ कन्टेम्पट का आदेश न्याय संगत नहीं है। वादियों ने आपके न्यायालय में एफआईआर के खिलाफ चुनौती दी है। तात्कालीन समय जानकारी नहीं होने पर पुलिस और अन्य को नोटिस तो जारी किया लेकिन संज्ञान में आने के बाद 24 नवम्बर 2017 को जारी आदेश को निरस्त भी कर दिया गया। बावजूद इसके रजनीश साहू ने निरस्त आदेश को आधार बनाकर तात्कालीन गृहसचिव और सरकंडा थाना प्रभारी के खिलाफ कोर्ट ऑफ कन्टेम्प्ट का मामला दायर कर गुमराह किया है।

          जानकारी मिलने के बाद सोमवार को हाईकोर्ट ने निरस्त याचिका को आधार बनाकर तात्कालीन गृहसचिव और सरकंडा थाना प्रभारी के खिलाफ जारी अवमानना आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने रजनीश साहू को जमकर फटकारा भी। हाईकोर्ट न्यायाधीश ने कहा कि रजनीश साहू ने कोर्ट का ना केवल कीमती समय बरबाद किया है। बल्कि कोर्ट को गुमराह भी किया है। निरस्त आदेश पर याचिका लगाकर अनावश्यक बोझ भी बढ़ाया है। कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया कि इस प्रकार की पुनरावृत्ति माफी योग्य नहीं है।

                            क्षितिज शर्मा ने बताया कि रजनीशा साहू ने कोर्ट को अन्धेरे में रखकर पुलिस प्रशासन और तात्कालीन गृहसचिव के खिलाफ अवामानना नोटिस कराया। यद्यपि कोर्ट ने जानकारी मिलने के बाद निरस्त भी कर दिया है। लेकिन रजनीश साहू को कोर्ट ने जमकर फटकारा है। क्षितिज ने बताया कि लोगों को परेशान करना रजनीश साहू की आदतों में है। इसलिए कोर्ट ने कीमती समय की बरबादी और दिग्भ्रमित करने के लिए नाराजगी जाहिर की है।

close