बिलासपुर । अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों ने बुधवार को बड़ी एकजुटता दिखाई । छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश भर के सभी विभागों के संचालक से लेकर भृत्य तक सभी अधिकारी- कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेकर हड़ताल पर रहे । इस इस आंदोलन के जरिए कर्मचारियों -अधिकारियों ने भाजपा के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने और कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों का निराकरण करने की मांग रखी है । जिसका व्यापक असर रहा । सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा । कर्मचारियों ने बिलासपुर में कोन्हेर गार्डन में इकट्ठे होकर एक सभा की । जिसमें कर्मचारियों -अधिकारियों की मांगों के संबंध में विस्तार से बात रखी गई । साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जा रहा है ।
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जैसा कि मालूम है छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन ने बुधवार को एक दिन सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था । इसके लिए एक दिन पहले ही सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बाकायदा लिखित में छुट्टी के आवेदन पेश कर दिए थे । इसका व्यापक असर बुधवार को दिखाई दिया । प्रदेश सरकार के करीब सभी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा । कर्मचारियों-अधिकारियों की ओर से कोन्हेर गार्डन में एक सभा रखी गई । जिसमें फेडरेशन से जुड़े सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों – अधिकारियों की समस्याओं और मांगों को लेकर विस्तार से अपनी बात रखी । जिसमें प्रमुख रुप से यही बात कही गई की भाजपा ने 2013 के अपने चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारी हितों के लिए जो वादे किए थे । उन्हें पूरा नहीं किया गया है । जिसके लिए कई बार सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है। समय रहते इन कर्मचारी हितों से जुड़े मुद्दों का निराकरण होना चाहिए । अभी सांकेतिक रूप से सरकार का ध्यान इन मुद्दों की ओर आकर्षित करने के लिए सामूहिक अवकाश लेकर एक दिन की हड़ताल की गई है । यदि आगे भी इन समस्याओं और मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो कर्मचारी- अधिकारी जुलाई से बेमुद्दत हड़ताल पर जाने को विवश होंगे ।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम एक ज्ञापन सौंपा जा रहा है । जिसमें आज की हड़ताल के संबंध में प्रमुख मांगों की जानकारी दी गई है । ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा के 2013 के चुनावी घोषणा पत्र ( संकल्प पत्र ) के अनुसार सभी कर्मचारी -अधिकारी को पूर्ण सेवाकाल में चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जाए । प्राथमिकता के आधार पर राज्य के लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाए । शिक्षक संवर्ग , स्वास्थ्य संवर्ग , तकनीकी एवं कार्यपालिक कर्मचारी संवर्ग सहित राज्य के सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियां अभी तत्काल दूर की जाए । सातवें वेतनमान का एरियर प्रदान करते हुए गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भत्तों को 1 जनवरी 2016 से पुनरीक्षित किया जाए । सातवें वेतनमान का लाभ प्रदेश के निगम मंडल के समस्त कर्मचारियों एवं पेंशनरों को प्रदान किया जाए । साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य के समस्त कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से महंगाई भत्ता प्रदान करने की मांग की गई है ।
फेडरेशन की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित शासकीय अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, राज्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ कर्मचारी कांग्रेस, डिप्लोमा अभियंता संघ, शासकीय लघु वेतन चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ,प्रदेश शिक्षक संघ, वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ, शिक्षक कांग्रेस, प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ , स्वास्थ्य एवं बहु. कर्म. संघ , पटवारी संघ, प्रदेश शिक्षक फेडरेशन , कर्मचारी संघ, लघु वेतन कर्मचारी संघ, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ, अपाक्स संघ, अजाक्स संघ , वन कर्मचारी संघ , निशक्त अधिकारी – कर्मचारी संघ, राजस्व निरीक्षक संघ, प्रधानपाठक संघ , छत्तीसगढ़ आयुष कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के भी दस्तखत है ।