नईदिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार तथा केंद्र सरकार की संस्थाओं के अनुभवी डॉक्टरों को शिक्षा, क्लिनिकल, जन स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल करने के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दी दी है।इस स्वीकृति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीएचएस) तथा अन्य मंत्रालयों/विभागों/केंद्र सरकार की संस्थाओं के डॉक्टर 62 वर्ष की उम्र पूरी होने पर विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य करें। इसके लिए 15.06.2016 को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय को संशोधित करना होगा ताकि निर्णय को कारगर रूप से लागू करने में महसूस की गई कठिनाइयां समाप्त की जा सकें।इससे चिकित्सा शिक्षा, क्लिनिकल/रोगी देखभाल सेवा तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने में अधिक अनुभवी डॉक्टरों की उपलब्धता के अतिरिक्त क्षमता सृजन होगा और केंद्र सरकार के डॉक्टरों का नेतृत्व विकास होगा।
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इस निर्णय से रोगी / क्लिनिकल सेवा, चिकित्सा शिक्षण तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने में काफी अनुभवी डॉक्टर उपलब्ध होंगेजिससे समाज को लाभ मिलेगा।देश में इस प्रस्ताव के लाभ निचले स्तर तक मिलेंगे।केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा सहित देश में डॉक्टरों की कमी की समस्या से निपटनेके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15.02.2016 को अपनी बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा कर 65 वर्ष करने को मंजूरी दी।
इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27.09.2016 को भारतीय रेल,आयुष, केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा एनटी सहित अन्य मंत्रालयों / विभागों के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी। लेकिन यह महसूस किया गया कि 62 वर्ष से अधिक आयु वाले डॉक्टरों की सेवाएं चिकित्सा के मूल क्षेत्र, जैसे–क्लिनिकल / रोगी सेवा / मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण/स्वास्थ्य कार्यक्रम, जन स्वास्थ्य कार्यक्रमों तथा कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाए।