तथाकथित एक्टिविस्ट ने बनाया फर्जी दस्तावेज..जांच में खुलासा..पुलिस ने नाना के बाद जालसाज रजनीश को भी भेजा जेल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–आठ साल पहले सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ के आरोप में तथाकथित एक्टिविस्ट और खुद को अधिवक्ता बताने वाला मिस्टर नटवर लाल रजनीश साहू को जेल भेज दिया गया है। कोर्ट ने रजनीश साहू को जमानत देने से इंकार कर दिया है। बताते चलें की इसी मामले में रजनीश साहू का नाना हरीराम साहू  भी जेल जा चुका है।

             
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                       सरकन्डा पुलिस ने तथाकथित एक्टिविस्ट रजनीश साहू को सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन को बेचने और बेजाकब्जा करने का आरोपी पाया है। पुलिस ने मामले में 2013 में राममोहन की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर दो दिन पहले गिरफ्तार किया था। 24 घन्टे बाद आरोपी रजनीश को केन्द्रीय जेल भेज दिया है।

        मालूम हो कि सरकन्डा क्षेत्र के पटवारी हल्का नम्बर 20 खसरा नम्बर 421/8 की पांच डिसीमिल जमीन के मालिकाना हक को लेकर राममोहन दुबे ने थाने में लिखित शिकायत की थी। राममोहन ने तात्कालीन एसपी रतनलाल डांगी के सामने भी गुहार लगाई थी। तत्कालीन एसपी ने मामले में जांच का आदेश दिया। जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि जमीन के कागजात दानीराम,रजनीश साहू समेत अन्य लोगों ने कूटरचना कर तैयार किया है। पुलिस ने दानीराम साहू,सुशीला साहू,चमेली साहू,रामेश्वरी साहू,रजनीश साहू और हरिशंकर के खिलाफ अपराध दर्ज किया। सभी लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 420,467,468,120 बी और 34 के तहत अपराध किया। कार्रवाई से बचने के लिए सभी आरोपी फरार हो गए। लेकिन पुलिस ने दानीराम साहू को पकड़ कर जेल भेज दिया। 43 दिनों बाद दानीराम साहू को जमानत मिली।

                      राममोहन दुबे की शिकायत पर पुलिस जांच पड़ताल से जानकारी मिली कि जमीन को जानबूूझकर आरोपियों ने विवास्पद बनाया। साल 2007 में सिविल न्यायालय ने विमला दुबे को जमीन की डिक्री की। मामला अभी शांत नहीं हुआ कि रजनीश साहू ने कोर्ट के आदेश को छिपाते हुए तत्कालीन हल्का पटवारी से छिपाकर दानीराम के समर्थन में 22 बिन्दु बनवाया। साल 2011 में रजनीश साहू ने एक बार फिर कोर्ट से विमला दुबे की जमीन को विवादित बनाने का प्रयास किया। उसने पटवारी से मिले बिना 2008 की 22 बिन्दु रिपोर्ट से छेड़छाड़ कर 2011 का बना दिया। रजनीश साहू ने विमला को जमीन बेचने का लालच दिया। लेकिन विमला ने जमीन बेचने इंकार करते हुए कोर्ट के आदेश को दुहराया।

                          पुलिस जांच रिपोर्ट के अनुसार कोई 22 बिन्दु की मान्यता जारी होने से केवल 6 महीने तक होती है। 6 महीने से अधिक समय बीतने पर उपयोग की स्थिति में पटवारी से दुबारा 22 बिन्दु बनवाना पड़ता है। लेकिन रजनीश साहू ने ऐसा नहीं किया। पहले तो उसने नाना दानीराम से जमीन को अपने नाम किया। इसके लिए उसने 2008 के 22 बिन्दु को कूट रचना कर 2011 का बनाया। पुलिस जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कूटरचना कर बनाए गए 22 बिन्दु में रजनीश साहू ने पटवारी का फर्जी हस्ताक्षर किया है। क्योंकि दो प्रति में किए गए हस्ताक्षर  में काफी असमानता है।

                पुलिस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है। जो रजनीश साहू के फर्जीवाड़ा साबित करने के लिए पर्याप्त है। 22 बिन्दु में नोट लिखा गया है कि जमीन अरपा विकास प्राधिकरण का हिस्सा नहीं है।

 दो दिन पहले गिरफ्तार..आज पहुंचा जेल

                 मालूम हो कि रजनीश साहू को बिलासपुर का मिस्टर नटवार लाल भी कहा जाता है। पिछले दो दिनों में उसकी जालसाजी का गातार दो मामला सामने आया है। रजनीश साहू ने कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय का फर्जी सील सिक्का और दस्तावेज बनाए जाने का खुलासा हुआ है। इसके एक दिन बाद यानि 27 जून 2018 को हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में रजनीश साहू को फटकार लगाते हुए कहा कि न्यायालय को गुमराह किया है। कीमती समय बरबाद कर कोर्ट पर अतिरिक्त दबाव डाला है।

                   अब गुरूवार को पांच साल पुराने जमीन विवाद मामले में सरकण्डा पुलिस ने गिरफ्तार कर रजनीश को जेल भेज दिया है। एफआईआर में बताया कि रजनीश साहू ने सिविल कोर्ट के आदेश की अनदेखी की है। विमला दुबे की जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने ही नाना से खरीदा होना बताया है। पुलिस ने जालसाज रजनीश को धारा 420,467,468,120 बी और 34 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में कोर्ट ने जमानत देने से इंकार भी कर दिया है।

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