चीफ जस्टिस हाईकोर्ट ने कहा…जज बनकर नहीं..मध्यस्थ बनकर करें काम…दोनों पक्षकारों के पक्ष में होगा निर्णय

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

बिलासपुर—छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर और कमेटी फॉर मॉनिटरिंग द मिडियेशन सेंटर छग उच्च न्यायालय बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन ने हिस्सा लिया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

     लोगों को मुख्य न्यायाधीश ने संबोधित किया । उन्होने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को जज नहीं मध्यस्थ बनकर प्रकरणों का निराकरण करें। न्यायिक अधिकारियों को सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। मध्यस्थता की भूमिका में निर्णय बेहतर परिणाम के सामने आएगा। मध्यस्थता में पक्षकारों का विश्वास जीतना सबसे बड़ी चुनौती होती है। उम्मीद है कि 40 घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद मध्यस्थता से सुलझाए गये प्रकरणों की संख्या बढ़ेगी। दो पक्षकारों के मध्य उत्पन्न विवाद को मध्यस्थ निपटाने का प्रयास करता है। मध्यस्थता के माध्यम से दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान निकालने की आवश्यकता होती है।

                            कार्यक्रम में 25 जून से 29 जून तक न्यायिक अधिकारियों को मध्यस्थता से संबधित प्रकरण निराकरण का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने संबोधित किया। न्यायाधीश दीवाकर ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद उम्मीद है कि पक्षकारों को मध्यस्थता का फायदा मिलेगा। लेकिन मध्यस्थ को यह जरूर पता होना चाहिये कि कौन से प्रकरण का निराकरण मध्यस्थता से हो सकता है।  न्यायिक अधिकारियों को प्रकरणों में अंतर पता करने की कोशिश करनी चाहिये कि कौन से प्रकरण में वाद आवश्यक है। किसे मध्यस्थता के जरिये सुलझाया जा सकता है। पारिवारिक झगड़ों को मध्यस्थता के जरिये ज्यादा बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता है। लेकिन पक्षकारों को मध्यस्थ पर विश्वास जरूर होना चाहिये। विश्वास तभी होगा जब आपने प्रकरण का अध्ययन अच्छे से किया हो।

                                         कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायधीश आर सी एस सामंत न्यायाधीश पी सैम कोशी,न्यायाधीश विमला सिंह कपूर, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार दीपक कुमार तिवारी, जिला न्यायाधीश बिलासपुर एनडी तिगाला, फैमिली कोर्ट बिलासपुर न्यायाधीश विनोद कुजूर, संजीव कुमार सिंह, शिवशंकर प्रसाद, रविंद्र सिंह, विवेक कुमार तिवारी सदस्य सचिव छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण मौजूद थे।

close