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रायपुर।छत्तीसगढ़ के पंचायत और नगरीय निकाय अब अपने क्षेत्र में शिक्षाकर्मियों की नई भर्ती नहीं कर सकेंगे । साथ ही अब शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति भी नहीं हो सकेगी । छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से शिक्षाकर्मियों के संविलियन के फैसले के मद्देनजर इस तरह का आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उपसचिव और पंचायत संचालक की ओर से शनिवार को जारी किया गया है ।मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास के उपसचिव और पंचायत संचालक तारण प्रकाश सिन्हा ने प्रदेश के सभी जिला पंचायत और जनपद पंचायत के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नाम इस तरह का आदेश जारी किया है । जिसमें कहा गया है कि मंत्रि परिषद की 18 जून को हुई बैठक में प्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में संचालित शालाओं में पदस्थ शिक्षक ( पंचायत / नगरी निकाय ) संवर्ग के संविलियन का निर्णय लिया गया है । जिसमें 8 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक पंचायत संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन संविलियन किया जा रहा है । इस निर्णय के पालन में छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक पंचायत नगरी निकाय संवर्ग के कर्मचारियों को अपने विभाग के अधीन संविलियन करने हेतु आदेश जारी किया जाएगा ।
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आदेश में यह भी कहा गया है कि 18 जून को मंत्रिपरिषद में लिए गए निर्णय में के मुताबिक संविलयन के पश्चात शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पदों की भर्ती की जाएगी । शिक्षक ( पंचायत नगरी निकाय ) संवर्ग की अब संबंधित निकायों द्वारा कोई पदोन्नति नहीं की जाएगी । संविलियन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ही पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी । इस संबंध में नियमों में आवश्यक संशोधन किया जा रहा है । आदेश में कहा गया है कि मंत्रिपरिषद के 18 जून के फैसले के पालन में शिक्षक पंचायत संवर्ग की सीधी भर्ती एवं पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित रखी जाए । यह निर्देश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा । इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने भी कहा गया है ।