सुझाव मिलने से पहले दे रहे सुझाव..संजय ने कहा..अधिकारी शिक्षकों को भड़का रहे…छठवां वेतनमान मिला..फिर संविलियन क्यों नहीं…

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जांजगीर चांपा जिला पंचायत सीईओ ने प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग से संविलियन को लेकर 4 बिंदु पर सुझाव मांगा है। वहीं सुझाव मिलने के पहले ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी वसंत ने वाट्सअप में मेसेज कर सभी ब्लाक बीईओ, सीईओ को पदोन्नत और निम्न पद से उच्च पद वालो को वर्तमान पद पर 8 वर्ष पूर्ण होने की जानकारी मांगी है। आठ साल पूरा होने वाले शिक्षकों को संविलियन सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।

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                   शिक्षक मोर्चा प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने बताया कि एक तरफ जिला पंचायत सीईओ प्रमुख शिक्षा सचिव स्कूल शिक्षा विभाग से सुझाव मांगते है । दूसरी तरफ बिना सुझाव मिलने से पहले ही बीईओ,सीईओ को आदेश देकर सूची तैयार करने को कहते हैं। इससे शिक्षाकर्मियों का आक्रोश बढ़ रहा है। संजय ने प्रमुख शिक्षा सचिव स्कूल शिक्षा विभाग गौरव द्विवेदी से कुल सेवा अवधि के आधार पर लाभ देने के आदेश जारी करने को कहा है। संजय ने बताया कि जांजगीर चाम्पा जिला पंचायत सीईओ ने उच्च अधिकारियों से बिना मार्गदर्शन सभी बीईओ और ब्लाक सीईओ को तुगलकी मैसेज कर पदोन्नत शिक्षा कर्मियों की जानकारी मांगी है। जिला पंचायत सीईओ ने लिखा है कि जिनका 8 साले पूरे नहीं हुए हैं उन्हें संविलियन का लाभ नही दिया जाए।

                संजय ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिला पंचायत सीईओ मुख्यमंत्री के निर्देश और निर्णय के खिलाफ काम कर रहे है। जिसके चलते शिक्षको में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। संजय ने शिक्षा सचिव से मांग की है कि छठवां (समतुल्य )वेतनमान देते समय 2013 में पदोन्नत शिक्षाकर्मियो को कुल सेवा अवधि की गणना कर लाभ दिया गया। ऐसे में संविलियन में इस प्रकार का लाभ क्यों नही दिया जा सकता है। चूंकि पदोन्नति का लाभ विभाग ने ही दिया है इसलिए जरूरी है कि शिक्षाकर्मियों को प्रथम नियुक्ति से कुल सेवा अवधि के आधार पर 8 साल की गणना किया जाना जरूरी होगा।

                    संजय ने बताया कि निम्न से उच्च पद पद पर कुल सेवा अवधि के आधार पर समतुल्य वेतनमान का लाभ शासन ने दिया है। इसलिए शिक्षकों को सातवा वेतनमान का लाभ मिलना चाहिए। संजय ने चार प्रमुख बिन्दुओ का जिक्र करते हुए कहा कि विभागीय जांच लम्बित शिक्षाकर्मियो को संविलियन का लाभ दिया जाए। वरिष्ठता निर्धारण में शासन आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे।

                                    संजय ने शिक्षा सचिव गौरव द्विवेदी को कहा कि जिला पंचायत जांजगीर चाम्पा सीईओ को स्पष्ट निर्देश दिया जाए कि शिक्षकों को भड़काने वाले कदम ना उठाएं। अभी तक हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग को असफल बताते हुए कहा कि अधिकारियो में समन्वय की कमी है। जिसके कारण विसंगति को दूर नहीं किया जा सका है।

कौन से है चार  बिन्दु 

           संजय ने बताया कि जिला पंचायत जांजगीर चांपा सीईओ ने प्रमुख शिक्षा सचिव गौरव द्विवेदी से जिन बिन्दुओं पर सुझाव मांगे है उनमें प्रमुख बिन्दु इस प्रकार है। पहले बिन्दु में सीईओ ने सुझाव मांगा है। 1. विभाग में निम्न पद पर नियुक्ति पश्चात अनुमति प्राप्त कर या बिना अनुमति के उच्च पद पर नियुक्त होने पर वरिष्ठता का निर्धारण किस पद के आधार मानकर किया जाए। 2, पदोन्नति के माध्यम से 8 वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षको की वरिष्ठता के निर्धारण में निम्न पद में कार्य किये गए अवधि की गणना करें या नहीं। 3, नियुक्ति आदेश के चयन क्रम के आधार पर वरिष्ठता का निर्धारण किया जाए या कार्यभार ग्रहण के आधार पर गणना हो। 4, जिन शिक्षकों के विभागीय जांच लंबित है उनके संविलियन के संबंध में भी सीईओ वसंत ने सुझाव मांगे हैं।

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