जाना था जापान….पहुंच गया चीन..समझ गए ना…डॉक विभाग की कारस्तानी…अब बगले झांक रहे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पोस्ट और डाक तार विभाग से तार विभाग का तमगा छीन लिया गया है। मतलब तार विभाग अब इतिहास के पन्ने का हिस्सा बन चुका है। रह गया पोस्ट आफिस..तो उसकी भी हालत देर सबेर तार विभाग जैसे हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। इन्टरनेट की दुनिया में डाक विभाग को भी तेजी से दौड़ना होगा। अन्यथा अंजाम विभाग के कर्मचारी बेहतर तरीके से जानते हैं। ऐसे में जब रजिस्टर्ड डाक होशंगाबाद पहुंचने में 16 दिन लग जाए तो क्या कहना। दरअसल रजिस्टर्ड डाक को भेजा गया होशंगाबाद…पहुंच गया माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल। खुद बिलासपुर संभागीय डाक विभाग प्रमुख के पास भी इस सवाल का जवाब नहीं है।

                                   मामला कुछ इस तरह से है। बिलासपुर संभाग के एक बड़े संभागीय स्तर के अधिकारी ने 2 जुलाई को होशंगाबाद के लिए रजिस्टर्ड डॉक भेजा।  डाक को अधिकतम तीन दिनों में होशंगाबाद पहुंच जाना चाहिए था। डॉक का पता ठिकाना भी सुवाच्य शब्दों में होशंगाबाद स्थित उद्योग कार्यालय के नाम लिखा है। अधिकारी ने बताया कि डाक जरूरी और  नीजि है। उम्मीद थी कि तीन दिन में पहुंच जाएगा। लेकिन घर से फोन आया कि अभी तक डॉक नहीं मिली है। परेशान अधिकारी ने जब पता लगाया तो उन्हें काफी निराशा हाथ लगी। आनलाइन जानकारी मिली कि डॉक माध्यमिक शिक्षामंडल भोपाल कार्यलय में है।

               जब अधिकारी ने डॉक विभाग के संभागीय कार्यालय पहुंचकर सवाल किया कि ऐसा क्यों हुआ। रजिस्टर्ड डॉक को तीन दिन के अन्दर होशंगाबाद पहुंच जाना चाहिए था। लेकिन पहुंंचा नहीं…। डॉक विभाग के संभागीय प्रमुख ने पहले तो आश्चर्य जाहिर किया। फिर कहा कि कभी कभी कुछ छोटी बड़ी गलतियों से ऐसा हो जाता है। बावजूद इसके ऐसा बहुत कम होता है। या फिर होता ही नहीं। डॉक इस समय माध्यमिक शिक्षामंडल के कार्यालय में है। जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए था।

                                    लेकिन डॉक विभाग के संभागीय प्रमुख ने यह नहीं बताया कि अब क्या कुछ हो सकता है। वहीं दूसरे पीड़ित संभागीय अधिकारी ने मामले में कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने का मन बना लिया है। पीड़ित अधिकारी ने कहा कि नेट के जमाने में इतनी बड़ी लापरवाही ठीक नहीं। डॉक विभाग की सेवा लापरवाह और परेशान करने वाली है।

                     बहरहाल डाक को जापान जाना था..लेकिन पहुंच गया चीन…यानि की सब गड़बड़ हो गया। फिलहाल डाक विभाग अधिकारी शिकायत के बाद बगले झांक रहे हैं।

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