संविलयन से वंचित शिक्षाकर्मियों की माँगः28 जुलाई को CM के गृह क्षेत्र राजनाँदगाँव में बड़ा आँदोलन

Chief Editor
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chhattisgarh local news,cgwall,news portal,chhattisgarh,breaking news,bilaspurरायपुर । छ्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षा कर्मियों के शिक्षा विभाग में संविलयन की प्रक्रिया जारी है। इस बीच संविलयन से वंचित शिक्षा कर्मियों का दर्द उभरकर सामने आया है। इसे लेकर आँदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस सिलसिलें में 28 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र में धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है। जिसे सफल बनाने के लिए बड़े पैपाने पर तैयारियां शुरू हो गईं हैं.
शिक्षक पंचायत /   नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक चंद्र देव राय ने  बताया कि शिक्षाकर्मी इतिहास में पहली आंदोलन होगा जिसमें मुंख्यमंत्री,विधान सभा अध्यक्ष सहित सभी विभागीय सभी मंत्री के गृह क्षेत्र में जाकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया ।वही सरकार के साथ -साथ कई शिक्षाकर्मी संगठन भी आंदोलन को कुचलने में लगे है तथा लोगों को दिग्भ्रमित कर वर्ग तीन व वंचित वर्ग के संबंध मे अनर्गल बयान बाजी किये जा रहे है । उन्होने कहा कि  ऐसे भी संगठन है जो 15 दिवस के महत्वपूर्ण आंदोलन के दौरान लिख कर भी दे दिये थे कि वे आंदोलन मे नही रहेंगे ऐसे संगठन लोगों को बरगलाने मे लगे हुए है।
उन्होने आगे कहा कि वही प्रदेश भर के बुद्धजीवी वर्ग व कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल के गृह क्षेत्र मे जाकर आंदोलन करने की निर्णय को एतिहासिक तथा सहासिक निर्णय करार दिया है । चुनावी वर्ष में इससे बड़ा आंदोलन और नही किया जा सकता तथा शिक्षाकर्मियों ने जिस प्रकार पूरी चतुराई से आंदोलन ही नही किया बल्की बड़ा परिणाम भी प्राप्त किया है ।
वही संविलियन में वर्ष बंधन किये जाने तथा वर्ग तीन को विशेष लाभ नही मिलने से आंदोलन का दौर एक बार फिर से नया अध्याय शुरु कर दिया है।राज नांद गांव का आदोलन इस लिए खास है क्योंकि शिक्षाकर्मियों ने सीधे  मुख्यमंत्री को सौतेला व्यवहार ,भेदभाव व छल करने के कारण उसी के क्षेत्र मे घेरने की रणनीति बनाई है ।
    चंद्रदेव राय ने बताया कि इसके पूर्व 5  जुलाई को राजधानी रायपुर बुढ़ा तालाब में एक दिवसीय  भुख हड़ताल व मुंडन करा कर विरोध कर  राज्यपाल,मुख्ममंत्री सहित आला मंत्री व सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा जाचुका है। फलस्वरुप मांगे पूरी नही होने पर मजबूरन बड़ा आंदोलन करने बाध्य हुए है ।
       शिक्षक पंचायत न.नि.मोर्चा के प्रांतीय संचालक चंद्रदेव राय ने वंचित वर्ग के शिक्षकों से आग्रह किया कि जब तक मांगे पूरी नही हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा । आंदोलन की रणनीति का खुलासा करते हुए  कहा कि  28जुलाई को राजनांदगांव  मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में आंदोलन , 31जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के गृह विधान सभा में आंदोलन , 3अगस्त को पंचायत मंत्री के गृह क्षेत्र में आंदोलन, 6अगस्त को शिक्षा मंत्री के क्षेत्र बस्तर में आंदोलन तथा  9अगस्त  को प्रदेश व्यापी महाआंदोलन जो अगस्त क्रांति के तर्जपर होगा  । इस  पूरे आंदोलन को अगस्त क्रांति का नाम दिया गया है । वही प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों से अपील की है  आप सभी अपने हक,अधिकार व सम्मान की लड़ाई में जरुर शामिल होएं ।
 उनकी प्रमुख मांगें हैं वर्ग 03को समानुपातिक / क्रमोन्नति वेतन के साथ वेतन विसंगति सुधार कर वेतन निर्धारण किया जाए । वर्ष बंधन समाप्त करते हुएं सभी का संविलियन किया जाए  साथ ही 1जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान प्रदान करने, लंबित अनुकम्पा नियुक्ति पर तत्काल लाभ प्रदान करने , स्थानांतरण नियुक्ति पर प्रतिबंध हटाने,पहले सभी का संविलियन तत्पश्चात सीधी भर्ती करने इत्यादि शामिल हैंं ।
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