लोरमी(योगेश मौर्य)।लोरमी क्षेत्र से भारतीय सीमा के साथ साथ नक्सली क्षेत्रो में अपनी सेवा देने के लिए कई लोग जा चुके है जिनमे से एक थे शहीद आनंद सिंह जो की देश-प्रदेश को अपनी सेवा देते हुए नारायणपुर में नक्सली हमले में शहीद हुए थे। आनंद सिंह करीब छह वर्ष पूर्व शहीद हुए थे जिनका पार्थिव शरीर जब उनके गृह ग्राम सारधा में लाया गया तब जिला प्रशासन सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी थी ।
साथ शहीद की पत्नी और उनके परिवार वालो को आश्वस्त किया था कि शहीद आनंद सिंह के नाम पर शहीद स्मारक या किसी शासकीय भवन या स्थान का नामकरण किया जायेगा लेकिन आज छः वर्ष बीत जाने के बाद भी इस ओर न तो जिला प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही किसी जनप्रतिनिधियों ने। इसी मांग को पूरा करने सारधा के ग्रामीणों और राजपूत समाज के करणी सेना के द्वारा मांग की गयी की सारधा में जो शासकीय आईटीआई भवन बना है।
उसका नाम शहीद आनंद सिंह के नाम से रखा जाये।लेकिन शासन के द्वारा उनकी मांगों को अनदेखा कर दिया गया। शासन की इसी अनदेखी को देखते हुए करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर ने निर्णय लिया की शासन भले ही आईटीआई भवन का नाम शहीद आनंद सिंह के नाम से न रखे लेकिन हम लोग मिलकर उस भवन का नाम शहीद के नाम से रखेंगे जिस पर आज करणी सेना और राजपूत समाज के लोगो ने मिलकर आईटीआई भवन के सामने शहीद आनंद सिंह का बोर्ड और नवनिर्मित भवन के ऊपर शहीद का नाम लिखकर उसका नामकरण कर दिया और प्रशासन को एक आईना दिखाने की कोशिश की है कि शहीद के नाम पर इस भवन को जाना जायेगा। वहीं आनंद सिंह की पत्नी ममता सिह राजपूत ने बताया कि जब मेरे पति की शहादत हुयी थी तब हमें आश्वासन दिया गया था कि स्मारक या किसी शासकीय संस्था का नाम मेरे पति के नाम से होगा जो अभी तक नही हुआ है।