बिलासपुर-प्रदेश में नॉन बीएड और नॉन डीएड शिक्षाकर्मियों की तादाद भी बहुत रही,जिन्हें हमेशा अपने भविष्य की चिंताएं सताती रही। कही कही तो अप्रशिक्षित होने के कारण कई वर्षों से कई शिक्षाकर्मियों का नियमितीकरण भी अभी तक नही हो पाया है, वही कई जगह उनका इंक्रीमेंट रोक कर केवल न्यूनतम वेतनमान प्रदान किया जा रहा है,जो इनके चिंता का प्रमुख कारण था।अप्रशिक्षितों ने प्रदेश स्तर पर बैठक कर शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे से पहल कर अपनी समस्या निदान का आग्रह किया था, जिस पर वीरेंद्र दुबे ने उनकी मांगों को प्रमुखता से शासन के समक्ष रखा था। जिसके फलस्वरूप प्रदेश में 8 वर्ष पूर्ण करने वाले अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मियों का भी संविलियन करने का आदेश जारी हुआ।कुछ शिक्षाकर्मी वेतन कटौती के मुद्दे पर हाईकोर्ट भी गए थे जहां उन्के पक्ष में निर्णय आया था किंतु शासन ने उस पारित निर्णय के विरुद्ध डबल बेंच में अपील दायर कर दिया था।
प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा ने जानकारी दी कि इसके लिए सन्गठन लगातार शासन के सम्पर्क में रहकर यह मांग करते रहा कि इन्हें भी समयमान,पुनरीक्षित और सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए,जिसका आदेश आज जारी हो चुका है,जिसमे कहा गया है की 8 वर्ष पूर्ण कर चुके समयमान और पुनरीक्षित वेतन की पात्रता रखने वाले समस्त अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मियों को भी इसका लाभ प्रदान किया जावेगा।
प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि-समस्त अप्रशिक्षित शिक्षाकर्मी साथियो के लिए राहत भरी खबर है इन्हें उचित वेतन प्रदाय नही करना गलत था, अब सबको लाभ मिलेगा,अब मुख्यमंत्री जी इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था कर इनकी सारी चिंताए खत्म कर दे यही अपील करते हैं और उम्मीद करते है जल्द ही इसमे भी सुखद समाचार प्राप्त होंगे.