बिलासपुर— कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने एक बार फिर भाजपा सरकार,मंत्री और निगम के सर्वेक्षण अभियान को निशाना बनाया है। शैलेन्द्र ने बताया कि पहले स्वच्छता सर्वेक्षण में बिलासपुर 22वां नंबर आया। अब रहन-सहन में शहर को देश में 13 वां स्थान मिला है। दरअसल प्रदेश सरकार के मंत्री मुन्ना भाई की तर्ज पर परीक्षाएं दे रहे हैं। इनाम पर इनाम झोंके जा रहे हैं। बिलासपुर को जब कोई इनाम मिलता है तो गर्व होने की जगह हंसी आने लगती है। अब तो जनता भी समझ चुकी है कि सर्वेक्षण टीम यहां आती है और मौज मस्ती कर चली जाती है। यकायक रैंक पर रैंक की जानकारी मिलने जनता परेशान और आश्चर्यचकित है। समझने का प्रयास कर रही है कि आखिर बिलासपुर को ईनाम किस लिए दिया जा रहा है।
कांग्रेस नेता शैलेन्द्र जायवाल ने कहा कि जैसे जैस चुनाव नजदीक आ रहा है…बिलासपुर शहर को ताबड़तोड़ सम्मान मिलने लगा है। स्वच्छता सर्वेक्षण में बिलासपुर को 22 वां नम्बर मिला। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए रहन-सहन के स्तर में बिलासपुर को देश में13वां स्थान हासिल हुआ है। जनता पूछ रही है कि आखिर 13 वां स्थान मिलने का कारण क्या है। कुछ तो आधार होगा।
शैलेन्द्र के अनुसार सोचना होगा कि शहर में लोगों की आय कितनी है। यहां सुविधा के नाम आखिर है क्या। जिसके दम पर यहां के लोग अच्छी जिंदगी जी सकें। घूमने फिरने के लिए कुल मिलाकर दो मॉल हैं। जहां लोग खरीददारी कम टाइम पास करने ज्यादा आते हैं। क्योंकि लोगों में कुछ खरीदने की ताकत भी तो नहीं है।
बिलासपुर को रहन सहन के स्तर में 13वां स्थान मिला कैसे फिलहाल समझ से परे है। लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं..ना कोई व्यापार है और ना ही अच्छे रहन सहन स्तर का कोई कारण भी है। लोग दो जून की रोटी के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। जनता की जमा पूंजी बोतल में खत्म हो रही है। शहर में मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। यदि शहर का रहन-सहन का स्तर ऊपर हो गया है तो सवाल उठना लाजिक है कि यहां बीमारों की संख्या दिनों दिन बढ़ क्यों रही है। ॉ
सिम्स ,जिला अस्पताल, प्राइवेट नर्सिंग होम में बढ़ती भीड़ लोगों के बीमार बहुत बीमार होने का संकेत दे रहे है। यह जानते हुए भी कि शहर की आधारभूत सुविधाएं बद से बदतर है। सड़क, पानी बिजली ,स्वास्थ्य शिक्षा सेवा क्षेत्र मे सरकार फिसड्डी है। इसलिए रहन सहन स्तर में बिलासपुर को 13 वां स्थान गले से नीचे नहीं उतर रहा है।