चर्चित दोहरे इंजीनियर हत्याकांड के मास्टरमाइंड संतोष झा का सीतामढ़ी में मर्डर,गोलियों से भून डाला

Shri Mi
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नईदिल्ली।बिहार के चर्चित दोहरे इंजीनियर हत्याकांड के मास्टरमाइंड और बिहार के सबसे बड़े गैंगस्टर कहे जाने वाले संतोष झा की मंगलवार को कोर्ट परिसर में हत्या कर दी गई. संतोष को पेशी के लिए सीतामढ़ी कोर्ट लाया गया था, जहां पहले से घात लगाए बदमाशों ने उसे गोलियों से भून डाला और मौके से फरार हो गए. गंभीर रूप से घायल संतोष को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस फरार हमलावरों की तलाश में जुटी है. संतोष के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है. पिछले महीने संतोष झा के शूटर अभिषेक झा की भी इसी तरह कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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सीतामढ़ी में दिनदहाड़े संतोष झा की हत्या से सनसनी फैल गई. बताया जा रहा है कि उसे कई गोलियां मारी गईं हैं. गैंगस्टर संतोष झा मूल रूप से बिहार के शिवहर का रहने वाला था. संतोष झा और उसका शूटर मुकेश पाठक तब अचानक सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने साल 2015 में दरभंगा में एसएच -88 का निर्माण करा रही सी एंड सी/ बीएससी ज्वाइंट वेंचर कंपनी के दो इंजीनियरों मुकेश कुमार और बृजेश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इंजीनियरों को मारने के लिए एके-47 का इस्तेमाल किया गया था.

दोहरे इंजीनियर हत्याकांड मामले में इसी साल मार्च में संतोष झा और शूटर मुकेश पाठक समेत 10 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. संतोष झा जेल से ही अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा था. दोहरे इंजीनियर हत्याकांड मामले में इसी साल मार्च में संतोष झा और शूटर मुकेश पाठक समेत 10 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. संतोष झा जेल से ही अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा था. हिस्ट्रीशीटर संतोष झा के निशाने पर कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़ी बड़ी कंपनियां रहती थीं.

वह उनसे रंगदारी वसूलता था. मिली जानकारी के अनुसार, इंजीनियर मुकेश कुमार और बृजेश कुमार को मारने से पहले भी कंपनी से 75 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. पैसे न देने पर उसने दोनों को मौत के घाट उतार दिया था।

बीते महीने जुलाई में संतोष झा गैंग के शूटर अभिषेक झा की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी. मोतिहारी अनुमंडल न्यायालय में पेशी के लिए लाए गए अभिषेक को अपराधियों ने गोलियों से भून दिया था. मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. अभिषेक अपने बॉस की ही तरह रंगदारी वसूलने के मामले में जेल में सजा काट रहा था.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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