सिम्सः यह कैसा अलर्ट… गंदगी के ढेर में बना रहे खाना..मुफ्त में परिजनों को मिल रही बीमारी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—प्रदेश में डेंगू को सरकार ने अलर्ट किया है। जिला स्तर पर डेंगू के खिलाफ व्यापक रूप से अभियान भी चलाया जा रहा है। कम से कम प्रशासन तो यही कहता है। बावजूद इसके डेंगू का कहर बरकरार है। अव्यवस्था के खिलाफ व्यवस्था कहीं नजर नहीं आ रहा है। डेंगू के साथ डायरिया की शिकायत कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। हर तरफ हाय तौबा मची हुई है। अब तक दर्जनों मौतें भी हो चुकी है। बिलासपुर में भी डेंगू से मरने वालों की गिनती सामने आयी है।
                 बिलासपुर में डेंगू की शिकायत के साथ डायरिया के कई मरीज सामने आए हैं। जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। साफ सफाई को लेकर गहन अभियान चलाने का दावा भी किया जा रहा है। बावजूद इसके मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। डेंगू के साथ डायरिया के मरीज संख्या में बढ़ते जा रहे हैं।
        कुल मिलाकर जिला प्रशासन और स्वस्थ्य महकमा डेंगू और डायरिया के खिलाफ काफी गंभीरता जाहिर कर रहा है। लेकिन कई उदाहरण ऐसे भी हैं जहां दावों की पोल खुलने के लिए पर्याप्त हैं। लापरवाही का नजारा सिम्स में आसानी से देखा जा सकता है। यहां मरीजों को दिन भर में सैंकड़ों की संख्या में लाया जाता है। लेकिन मरीज के ठीक होने के बाद परिजनों को बीमार होकर जाना पड़ रहा है।
                लापरवाही की हालत यहा है कि मरीजों के परिजनों को बीमार करने वाली गंदगी के ढेर में खाना पकाना पड़ रहा है। अस्तबल नुमा शेड के नीचे रोज सैकड़ों परिजन गंदगी के नीचे खाना पका रहे हैं। उसी खाने को ना केवल खा रहे हैं बल्कि मरीजों को भी खिला रहे हैं। नजारे को जाहिर करने के लिए यह तस्वीर काफी है। यह तस्वीर जिला और स्वास्थ्य महमके के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है।
                       सबको मालूम है कि सिम्स में संभाग के अलावा अन्य राज्यों से लोग इलाज कराने आते हैं। मरीजों के साथ परिजन भी होते हैं। परिजनों को खाने की व्यवस्था खुद करनी पड़ती है। जाहिर सी बात है सभी मरीज परिजन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती। इसलिए ऐसे लोग खुद बनाकर खाना खाते हैं।खाना भी ऐसी जगह बनाते हैं जहां बीमारी मुफ्त में मिलती है। मरीजों के परिजन जहां खाना बना रहे हैं…वहां एक इंसान के लिए दो मिनट भी रूकना मुश्किल है। बावजूद इसके मरीजों के परिजन मरता क्या ना करता की स्थिति में पेट के लिए खाना बना रहे हैं। बीमारी भी मुफ्त में ले रहे हैं।आसपास आवारा कुत्ते भी डेरा जमाकर बैठे रहते हैं।
               कुल मिलाकर मरीजों के परिजन नर्क में खाना बना रहे हैं। आस पास मच्छर और मख्खियां भिन भिना रही हैं। शायद इस तरफ स्वास्थ्य महकमा का ध्यान नहीं है। स्वस्थ्य लोग जल्द ही सिम्स में बीमार बनाकर भर्ती होंगे। सिम्स प्रबंधन भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
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