रायपुर– अब छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में किसी भी सामुदायिक शौचालयों का इस्तेमाल निःशुल्क होगा। राज्य सरकार ने स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत शुल्क समाप्त कर दिया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अमर अग्रवाल ने रायपुर में स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 संबंधी राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ के दौरान यह बातें कहीं। इस दौरान मंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और जनसमस्या निराकरण के लिए संचालित निदान-1100 के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। अग्रवाल ने कहा कि दोनों योजनाओं का लाभ प्रदेश के सभी 168 शहरों को मिलेगा।
कार्यक्रम में पण्डित दीनदयाल पथ प्रकाश योजना के तहत मंत्री ने सीएचएस पोर्टल का विमोचन किया। नगरीय प्रशासन मंत्री ने मिशन क्लीन सिटी और प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सूडा से तैयार वीडियो सीडी और विभिन्न प्रचार-पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम को संबोधित कर अमर ने कहा स्वच्छ भारत मिशन समेत जनहित की तमाम योजनाओं में राज्य के नगरीय निकायों में बेहतर काम हो रहा है। शहरों को ओडीएफ संकल्प को छत्तीसगढ़ ने दो साल पहले ही पूरा कर लिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में छत्तीसगढ़ को शानदार कामयाबी मिली है। अमर ने स्वच्छता श्रृंगार योजना के बारे में बताया कि सामुदायिक शौचालयों के इस्तेमाल पर अब नागरिकों से शुल्क नहीं लिया जाएगा। निकायों को इसके लिए एजेन्सी नियुक्त किया जाएगा। एजेन्सी को 20 सीटर शौचालय के लिए प्रति माह 15 हजार और 20 सीट से ज्यादा के लिए 18 हजार रूपए दिए जाएंगे।
लोगों को संबोधित करते हुए अमर ने कहा कि शहर के सभी आवासहीन परिवारों को पक्का आवास दिया जाएगा। नगरीय निकायों को पक्का आवास के लिए 3 लाख आवेदन मिले हैं। राज्य सरकार अपने संसाधनों के साथ जरूरत पड़ने पर कर्ज लेकर सभी आवेदकों पक्का मकान देगी।
नगरीय प्रशासन मंत्री ने बताया कि मिशन अमृत योजना की जानकारी दी। उन्होने कहा कि 9 नगर निगमों में लगभग 1700 करोड़ रुपए के जल-प्रदाय से संबंधित काम चल रहे हैं। 2020 तक लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। अमर ने बताया कि पण्डित दीनदयाल पथ प्रकाश योजना अंतर्गत लगभग साढ़े 3 लाख एलईडी लाईट लगाए जा चुके हैं।