अपोलो में बैक टू बैक 5 सफल आपरेशन..मुम्बई और नाइजीरिया के डॉक्टर हुए शामिल..कहा..दूरबीन पद्धति ने किया सर्जरी आसान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— अपोल अस्पताल में बैक टू बैक एक्पर्ट डॉक्टरों ने पांच आपरेशन किये। डॉक्टरों ने तीनों ही आपरेशन को सफल बताया। दूरबीन पद्धति से किए गए आपरेशन का स्टाफ ने लाइव प्रसारण देखा। इसके अलावा आपरेशन के दौरान बातचीत के साथ तमाम गतिविधियों की जानकारी का फायदा जूनियर और वरिष्ठ चिकित्सकों ने उठाया। अपोलो में कैंसर और चाकलेट सिस्ट का आपरेशन किया गया। आपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि वर्तमान समय उच्च तकनिकी का है। आपरेशन के बाद मरीज को 12 घंटे के अन्दर डिस्चार्ज कर दिया जाता है।  आपरेशन के कुछ घंटे बाद मरीज सामान्य नजर आने लगते हैं।

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                                           अपोलो में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी वर्कशाप का आयोजन किया गया। नाइजीरिया,मुम्बई और स्थानीय अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने कैंसर, चाकलेट सिस्ट समेत तीन अन्य मरीज का लाइव आपरेशन किया। आपरेशन काम में शामिल कमोबेश सभी डॉक्टरों ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की नवीन तकनीकों में दूरबीन पद्धति का अपना एक अलग और विशेष स्थान है।

                  लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से समय के साथ साथ एडवांस दूरबीन पद्धति से सर्जरी ने कई प्रकरणों से ओपन पद्धति से सर्जरी को प्रतिस्थापित किया है। पुरानी पद्धति में जहाॅ मरीजों को लम्बे समय और बड़े चीरे का सामना करना पड़ता था। मरीज को भयानक दर्द गुजरना पड़ता था। तकनिकी विकास के साथ आपरेशन आसान हुआ। समय की बचत हुई और मरीज का दर्द भी कम हुआ।

                                            डॉक्टरों ने बताया कि एक दौर यह भी था कि मरीज को भयानक दर्द के साथ अस्पताल में कई दिनों तक ठहरना पड़ता था। आपरेशन के निशान जीवन भर रहता था। लेकिन नई तकनिकी के विकास के बाद सब कुछ आसान हुआ। अब मरीज को 24 घंटे के अन्दर डिस्चार्ज कर दिया जाता है। चीरफाड़ की जरूरत भी नहीं होती है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में छोटे सा घाव बनाकर आपरेशन किया जाता है। मजेदार बात है कि आपरेशन के बाद दूरबीन पद्धति से निशान भी गायब हो जाता है।

                         डाक्टरों ने बताया कि दूरबीन पद्धति में केवल दो छोटे छिद्रों के माध्यम से सर्जरी की जाती है। छोटे से छिद्र से स्थान को बड़े आवर्धित आकार में देख पाने के कारण  दूरबीन पद्धति पूर्ण रूप से सफल और सुरक्षित है। मरीज दूसरे ही दिन अस्पताल से डिस्चार्ज हो कर अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट आता है।

                                                यह बातें मुम्बई के डाॅ प्रशांत भामरे, बिलासपुर अपोलो के डाक्टर डाॅ रश्मि शर्मा और डाॅ अमित वर्मा अपोलो ने अपोलो अस्पताल बिलासपुर के सभागार में आयोजित लाईव लेप्रोस्कोपिक सर्जरी वर्कशाप के दौरान कही। वर्कशाॅप के दौरान नाईजीरिया फेडरल मेडिकल सेंटर के प्रमुख डाॅ बार्लोटम्यू भी दूरबीन पद्धति सें आॅपरेशन अभियान का विशेष हिस्सा थे।  डॉ. बार्लोटम्यू ने इस दौरान चिकित्सकों को लाइव सर्जरी की बारीकियां की जानकारी दी।

                          अपोलो अस्पताल में आयोजित वर्कशाॅप में बैक टू बैक 5 सर्जरी की गई। बंधित जानकारियों का लाभ एम्स रायपुर के 10 चिकितसकों समेत कुल 45 चिकित्सकों ने लिया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ सृष्टि नें किया।

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