बिलासपुर—मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि मैं टिकट बांटने वाला कौन होता हूं। मेरा काम विकास कार्य करना है। कांग्रेसियो ने कभी 50 साल के अपने शासनकाल में किसानों को बोनस दिया। घर नहीं दिया…किसी प्रकार का विकास नहीं किया..इसलिए उन्हें विकास दिखने का सवाल ही नहीं उठता है। जिस दिन कांग्रेसियों का नजरिया बदलेगा। विकास दिखाई देने लगेगा।
दूसरे चरण के विकास यात्रा के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ भवन में मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने विकास यात्रा की गाथा को सबके सामने रखा। पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक,नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर, छग हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी,सांसद लखन लाल साहू समेत भाजपा के प्रमुख नेता मौजूद थे।
डॉ.रमन सिंह ने पत्रकारों को बताया कि 5 सितम्बर को डोंगरगढ़ से माता बम्लेश्वरी के आशीर्वाद के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरी झंडी दिखाकर दूसरे चरण की विकास यात्रा को रवाना किया। छग निर्माता स्व अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अब अटल विकास यात्रा के नाम से प्रारंभ किया गया है। अटल विकास यात्रा में छग को लेकर अटल के सपनों को पूरा करने 65 विधानसभा क्षेत्र में 46 आमसभा और 38 स्वागत सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। सरकार लोकार्पण भूमिपूजन के माध्यम से सामाजिक और चमात्कारिक काम करने के सात जनता को लाभ देने का काम कर रही है।
विकास यात्रा के पहले दिन बिलासपुर, बिल्हा,तखतपुर की टिकट की घोषणा है..जिले की अन्य चार सीटों की घोषणा कब होगी के सवाल पर सीएम ने कहा कि टिकट घोषणा करने का सवाल ही नहीं उठता । पार्टी संगठन और राष्ट्रीय अध्यक्ष टिकट घोषणा करेंगे। उन्होंने किसी के टिकट की घोषणा नहीं की है। मै टिकट की घोषणा करने वाला कौन होता हूं।
आप कहते है कि डेढ़ दशक में विकास हुआ है। भूपेश को आपकों विकास देखने साथ चलने को कह रहे हैं। आखिर सच्चाई क्या है। सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास देखने का नजरिया बदल जाये तभी भूपेस बघेल को विकास देगा। छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन मे परिवर्तन लाने उन्हें धान समर्थन मूल्य के साथ बोनस देने ,7.5 लाख घरों पारो मोहल्ले में बिजली पहुचाने, लोगो की इनकम बढ़ाने,50 हजार और 5 लाख तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने ,36 लाख परिवार को उज्ज्वला गैस का लाभ देने ,11 लाख पी एम आवास बनाने का काम सरकार ने किया। क्या कांग्रेसियो ने कभी 50 साल के अपने शासनकाल में किसानों को बोनस दिया। घर बनवाया। दरअसल उन्होंने विकास किया ही नहीं है । ऐसे में उन्हें विकास कहाँ से दिखाई देगा। सरकार ने 36000 किमी राज्यमार्ग,11000 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने,इंजीनियरिंग, मेडिकल और नर्सिंग कालेजों की स्थापना करने का काम किया है।कांग्रेस को ये सब समझ मे नहीं आएगा।
विदेशों में किये गए एमओयू का क्या लाभ मिला। सीएम ने बताया कि एमओयू से प्रदेश के कई नए सेक्टरों में निवेश के अवसर खुले है। पीपीपी मॉडल पर भी सरकार नए नए उद्यमो के विकास पर काम कर रही है। छत्ततीसगढ़ में नए संस्थाओं की स्थापना के साथ टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण की सुविधाएं बढ़ी हैं।
एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ संकल्पना 2000 और 2003 के छत्तीसगढ़ से आगे ले जाने की परिकल्पना है। 2025 तक छत्तीसगढ़ कैसा हो इसका रोडमैप बनाया जा रहा है। गांव के व्यक्ति के जीवन मे परिवर्तन कैसे आये,रोड, हवाई और इंटरनेट कनेक्टिविटी कैसे बढ़ाई जाए और इन सभी के लिए बजट आवंटन किस प्रकार से किया जाए ताकि खुशहाल और समृद्ध छग बन सके यही नवा छत्तीसगढ़ संकल्पना है।
बेरोजगारों के लिए आपके पास क्या विजन है के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग ज्यादा पढ़े लिखे है वो रोजगार पा जाते हैं लेकिन कम पढ़े लिखे बेरोजगारों को सरकार द्वारा कौशल उन्नयन योजना के तहत प्रशिक्षित करने और मुद्रा योजना के तहत उन्हें फण्ड मुहैया कराया जा रहा है। सरकार ऐसे लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है। छत्तीसगढ़ में स्थापित होने संयंत्रों में रोजगार दिया जाएगा।कृषि के क्षेत्र में ,शिक्षा के क्षेत्र में लाखो शिक्षकों की भर्ती,पुलिस जवानों की भर्ती, पीएससी के माध्यम से अधिकारियों की भर्ती,बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय नौजवानों की भर्ती करने का काम सरकार ने किया है।
बिलासपुर में विकास यात्रा के क्या मायने हैं के सवाल पर सीएम ने कहा अरपा-भैसाझार परियोजना अंतिम चरण में हैं। शहरी क्षेत्र होने के कारण सीवरेज परियोजना के क्रियान्वयन में जरूर समय लगा है।
.बिलासपुर-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस परियोजना के सभी प्रोसेस पूरे गए है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार के साथ अन्य एजेंसी मिलकर काम को शुरू करने जा रही है। शहरी और ग्रामीण नक्सल नेटवर्क के सवाल पर कहा कि सरकार और सभी एजेंसिया मिलकर नक्सल नेटवर्कों को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिकाये निभा रही है।