भारत बंदः मोटर सायकल, बैलगाड़ी सवारों पर थी राहुल की नजर..ऐसी कार प्रेमियों की रिपोर्ट पहुंच गयी दिल्ली

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कांग्रेस की अगुवाई में देश के कोने कोने में महागठबंधन में शामिल नेताओं ने भारत बंद किया। देश में हिंसा के बीच छत्तीसगढ़ में भारत बंद कापी शांतिपूर्ण रहा।बिलासपुर में कांग्रेसियों ने भारत बंद को काफी सफल बताया। कुछ लोगों ने घोड़े पर बैठकर…तो सैकड़ों लोगों ने मोटरसायकल रैली निकालकर दुकान बंद कराया। लेकिन इस बीच किसी को भनक नहीं लगी कि भारत बंद में शामिल सभी नेताओं पर राहुल ब्रिगेड की नजर है।

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                बताया जा रहा है कि भारत बंद के दौरान राहुल की खुफिया टीम बिलासपुर में थी। टीम ने बैलगाड़ी मोटरसायकल सवारों के अलावा उन सभी नेताओं की जानकारी राहुल तक पहुंचा दी है। जो नगर भ्रमण के दौरान एक भी बार एसी कार से उतरना तो दूर झांकना भी पसंद नहीं किया। यदि ऐसे लोगों की टिकट कट जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। क्योंकि भारत बंद के दौरान राहुल की टीम ने वीडियो को दिल्ली दरबार तक पहुंचा दिया है।

                    बिलासपुर में जिले के आला नेताओं ने भारत बंद के दौरान घोड़ा, बैलगाड़ी, सायकल और मोटर सायकल और कार से पेट्रोल मूल्य बृद्धि का विरोध किया। लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी मोटरसायकल, बैलगाडी और कार में चलने वालों की विशेष तौर पर वीडियोग्राफी हुई है। राहुल की टीम ने खासतौर ऐसे नेताओं की वीडियोग्राफी पर ज्यादा जोर दिया है  जिन्होने एक भी बार एसी कार से बाहर निकालना मुनासिब नहीं समझा। खासतौर ऐसे कार सवार जिन्होेने टिकट के लिए दावेदारी की है। जानकारी है कि दिल्ली से पहुंची राहुल की टीम विभिन्न चौक चौराहो में पत्रकारों के बीच घुलमिलकर वीडियोग्राफी की। मजेदार बात है कि इस बात की जानकारी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को भी नहीं लगी।

                बताया जा रहा है कि टीम ने ऐसे नेताओं को टारगेट किया है जिन्होने भारत बंद के दौरान एक बार भी अपना सिर एसी कार से बाहर नहीं निकाला। पूरे समय तक भीड़ का हिस्सा रहे लेकिन सड़क पर उतरना मुनासिब नहीं समझा। बताया तो यह भी जा रहा है कि राहुल गांधी की खुफिया टीम की नजर शुरू से ही ऐसे नेताओं पर थी। जिन्होने मजबूती के साथ टिकट की दावेदारी तो की है।  लेकिन उन्हें जनता के बीच घुलना मिलना पसंद नहीं है।

                                          सूत्रों की माने तो भारत बंद के दौरान दिल्ली हाइकमान की इच्छा थी कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता कार और मोटरगाड़ियों से  दूर रहे। पैदल चलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को हडताल से जोड़ें। जनता को संदेश देने का प्रयास करें कि पेट्रो पदार्थों की मूल्य वृद्धि से आम और खास दोनों को तकलीफ है।  लेकिन बिलासपुर में ऐसा कुछ नहीं हुआ। रसूखदार टिकट दावेदार कार में ही बैठकर बिलासपुर का ना केवल चक्कर काटा। बल्कि लकदक कुर्ता और पायजामा की क्रीज को टूटने नहीं दिया।

                   नाम नहीं छापने की शर्त पर राहुल टीम के करीबी नेताओं में से एक ने बताया कि भारत बंद का मुख्य उद्देश्य महंगाई और पेट्रो पदार्थ मूल्य बृद्धि का विरोध करना था। लेकिन बिलासपुर के कुछ कार सवार नेताओं ने उल्टा संदेश दिया। कुछ ऐसा संदेश गया कि ऐसे लोगों को  पेट्रोल मूल्य बृद्धि की कोई चिंता नहीं है। यदि कार सवार टिकट की दावेदारी करने वाले नेताओं की परेशानी बढ़ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

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