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बिलासपुर । अपर कलेक्टर बी एस उइके की अध्यक्षता में गुरूवार को मंथन सभा कक्ष में जिले के अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्वाचन कार्य में संलग्न अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
मास्टर ट्रेनर शैलेष पांडे ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के दौरान ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना या तनाव उत्पन्न करे। मत प्राप्त करने के लिये जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वज दण्ड बनाने, टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे आदि लिखने के लिये किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग नहीं करना है। जुलूस का आयोजन करने वाले दल या अभ्यर्थी को पहले ही तय कर लें कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरु होगा। आयोजकों को कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को पहले से सूचना दे दें। प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिये पहले ही अनुज्ञा प्राप्त कर लेनी चाहिये। सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को चाहिये कि वे अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उपयुक्त पहचान पत्र दें। इस बात का ध्यान रखें कि मतदाताओं को दी गई पहचान पर्चियां सादे कागज पर होंगी और उन पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा। मतदान के दिन और उसके पूर्व के 48 घंटों के दौरान किसी को शराब पेश या वितरित न करें। शासन, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई भी तदर्थ नियुक्ति न की जाए जिससे सत्ताधारी दल के हित में मतदाता प्रभावित हो। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप निर्वाचन अधिकारी सुमित अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर एस के गुप्त, आशुतोष चतुर्वेदी, देवेंद्र पटेल, वीरेंद्र लकड़ा, कीर्तीमान राठौर एवं सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।