नई दिल्ली-कांग्रेस ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया। यह धारा किसी भी निजी कंपनी को पहचान के उद्देश्य के लिए नागरिकों से आधार की मांग करने की इजाजत देती थी। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, ‘हम सर्वोच्च न्यायालय के आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द करने के फैसले का स्वागत करते हैं। निजी कंपनियां को अब पहचान के उद्देश्य के लिए आधार का प्रयोग करने की इजाजत नहीं होगी।’
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में संशोधन के साथ आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है. शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक खाते खोलने, स्कूलों में दाखिले और मोबाइल कनेक्शन के लिए इसकी जरूरत नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला-शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक खाते खोलने, स्कूलों में दाखिले और मोबाइल कनेक्शन के लिए इसकी जरूरत नहीं होगी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने यह फैसला दिया. पीठ ने कहा, ‘विशिष्टता, आधार और पहचान के अन्य सबूत के बीच का एक मौलिक अंतर है.’न्यायाधीश ने कहा कि आधार की नकल नहीं की जा सकती और यह एक विशिष्ट पहचान है. उन्होंने कहा, ‘हम आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों पर नजर बनाएं हैं.’ शीर्ष अदालत ने आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द कर दिया है, जो निजी कंपनियों को उसकी सेवा तक पहुंच के लिए आधार की मांग की इजाजत देती थी.