रायपुर।रविवार को छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने दम दिखाया।रायपुर का ईदगाह भाटा मैदान शिक्षाकर्मीयो से पटा हुआ नजर आया।चारो तरफ शिक्षाकर्मी नज़र आ रहे थे।
रायपुर इतवार को शिक्षक संघो का अखाड़ा बना हुआ है।एक तरफ शिक्षक मोर्चा के दो प्रमुख संघ मुख्यमंत्री का आभार पर प्रदर्शन कर रहे है दूसरी ओर वर्ग तीन के शिक्षाकर्मी धिक्कार रैली निकाली।रायपुर में आज जो शिक्षा कर्मीयो की चहल पहल है। उसे देख कर एक बात सामने आई कि डोंट अंडर इस्टीमेट टू वर्ग तीन शिक्षाकर्मी……..वर्ग तीन के महिला और पुरुष शिक्षा कर्मीयो की इतनी भीड़ इक्कट्ठा होगी किसी से सोचा नही था।
सबसे मजेदार बात यह है कि महाधरना औऱ धिक्कार रैली में दम दिखाने वाले अधिकतर शिक्षा कर्मीयो का फेडरेशन की सदस्यता से कोई लेना देना नही है। ज्यादातर खुद अपने वर्ग का दम दिखाने आये थे। यह संघ बने सिर्फ दो माह ही हुए है। इसमें विभिन्न संघो से जुड़े लोग शामिल हुए है।
भीड़ का सैलाब बनने का एक कारण कि शिक्षा कर्मीयो की भीड़ यही आस में पहुँची कि अगर एक दिन का वर्ग तीन का दम सरकार को दिखाया तो आचार सहिंता के पहले यह सरकार विसंगतियों को दूर कर सकती है जिससे वर्ग तीन के शिक्षको जीवन मे आर्थिक लाभ बढ़ सकता है।
धरना स्थल पर जोरदार हल्ला बोल हल्ला बोल की नारे बाजी की गूंज सुनाई पड़ रही है।रमन तेरी तानाशाही नही चलेगी।
ऐसी सरकार जो वर्ग तीन के साथ अन्याय करती है उसको धिक्कार है धिक्कार है….. जैसे सरकार विरोधी नारेबाजी के बीच आम शिक्षको को उमीद है। वर्ग तीन के साथ अन्याय नही होगा।
सहायक शिक्षक फेडरेशन के संचालक शिव सारथी ने बताया कि इस धिक्कार रैली के आगामी चुनाव में क्या मायने निकलने वाले है यह सरकार को सोचना है।आज वर्ग तीन रायपुर में अपना दम दिखा दिया है उम्मीद है कि प्रदेश की सरकारें अब अंडर इस्टीमेट नही करेगी।
इदरीस खान ने बताया कि सरकार ने मध्य प्रदेस से बेहतर संविलियन होगा कहा था पर ऐसा नही हुआ है वर्ग तीन के साथ अन्याय हुआ है। अब हमें कामोन्नत सरकार चाहिए। अभी हम 27 जिलों फेडरेशन के प्रमुखों से चर्चा कर रहे है के आगे आंदोलन की रणनीति शाम को साझा करँगे।