मुंह दिखाई बनकर रह गया शिक्षकों का सम्मेलन..शिक्षक नेता ने कहा-सही तरीके से नहीं रखा गया पक्ष

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छत्तीसगढ़ पंचायत नगर निगम शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने 30 सितंबर के सम्मेलन में शिक्षकों के प्रदर्शन को स्वभाविक प्रतिक्रिया कहा है। संजय ने शिक्षकों का वेतन विसंगति और क्रमोन्नति की मांगो पर किए गए प्रदर्शन का जायज बताया है। साथ ही यह भी कहा कि साथियों ने अपनी मांगो को तार्किक तरीके से पेश नहीं कर मौका गंवाया भी है।
            मालूम हो कि एक दिन पहले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शिक्षकों ने चार महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रदर्शन किया। जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान मंत्री अजय चन्द्राकर ने अपने भाषण में शिक्षको को जमकर फटकारा। पंचायत मंत्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि डॉ.रमन सिंह ने जितना किया है शायद ही कभी शिक्षकों को इसकी उम्मीद रही हो। बावजूद इसके शिक्षकों का प्रदर्शन उचित नहीं है।पांच सौ से शिक्षकों की यात्रा शुरू होकर 45 हजार तक  पहुंच गयी बावजूद इसके शिक्षकों का प्रदर्शन तकलीफ देने वाला है। उन्हें अपने दिल पर हाथ रखकर सोचना होगा कि क्या कभी उनके लिए किसी ने इतना किया। शायद नहीं…बेहतर होगा कि शिक्षक अपने कार्य को ईमानदारी से करें। भविष्य के भारत का निर्माण करें। क्योंकि हमारे देश में शिक्षकों को बहुत सम्मान से देखा जाता है।
                 मामले में छत्तीसगढ़ पंचायत नगर निगम शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि शिक्षकों का प्रदर्शन सहज और स्वभाविक प्रतिक्रिया का हिस्सा है। लेकिन शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के आतिथ्य में आयोजित सम्मेलन में क्रमोन्नति, वेतन विसंगति समानुपातिक, पदोन्नति, वर्ष बंधन समाप्ति, अनुकम्पा की मांगो को सही ढंग से नही रखा। जिसके कारण अतिथियों ने शिक्षकों की मांग पर ध्यान नही दिया। या फिर समझ नहीं सके।
        मालूम हो कि 11 सालों के बाद मुख्यमंत्री शिक्षाकर्मियों के सम्मेलन मंच में उपस्थित हुए। साल 2007 के सम्मेलन में मुख्यमंत्री के सामने संविलियन के मांग को तात्कालीन समय प्रमुखता के साथ रखा गया था। इस बार प्रदेश के पंचायत और एलबी संवर्ग के शिक्षकों को उम्मीद थी कि मांगो को प्रमुखता से रखा जाएगा पर अफसोस कि सम्मेलन केवल मुंह दिखाई और आभार तक रह गया। इस तरह शिक्षकों ने बड़ा अवसर खो दिया।
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