शिक्षक (एल बी) संवर्ग को तीन स्तरीय समयमान /क्रमोन्नत वेतन हेतु उच्च न्यायालय में याचिका स्वीकार

Chief Editor
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प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह राजपूत,अन्तरिम वरिष्ठता सूची,teachers,school,nes,raipur,chhattisgarh,व्यख्याता(एल बी),संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़,बिलासपुर ।  छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन किये गए  सहायक शिक्षक ,शिक्षक एवम् व्यख्याताओ को  पूर्व सेवा की गणना करते हुए राज्य शासन के कर्मचारियों को प्रदान की जा रही तीन स्तरीय  समयमान योजना का लाभ प्रदान करने हेतु छत्तीसगढ़ व्यख्याता (पं/एल बी)संघ के प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ,सुनील कुमार गुणी ,शिक्षक (एल बी)ईश्वरी देवदास ,सहायक शिक्षिका (एल बी)तृप्ति दासरिया ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में अधिवक्ता सी के केशरवानी  ,अनुकूल विश्वास  के माध्यम से याचिका दायर की ।  जिसे  उच्च न्यायालय ने स्वीकार करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी खैरागढ़ एवम् राज्य शासन को 06 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है ।
ज्ञात हो कि राज्य शासन ने अपने ही आदेश क्रमांक 1092 दिनांक 2.11.2011 के तहत समस्त शिक्षक(पं/ननि)को एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले गैर पदोन्नत को क्रमोन्नत वेतनमान देने के आदेश दिए थे।  जिसके परिपालन में नियोक्ता द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत कर स्थानीय निधि सपरीक्षक से सत्यापन पश्चात आर्थिक लाभ  दिया जा रहा था ।ततपश्चात राज्य शासन ने अपने ही आदेश क्रमांक 3597 दिनांक 1.05.2012 को स्नातक शिक्षक को 07 वर्ष में तस्थ गैरस्नातक को 10 वर्ष में समयमान वेतनमान में वेतन उन्नयन के आदेश दिए ।उक्त आदेश के परिपालन में नियोक्ता द्वारा पात्रता रखने वाले शिक्षको को समयमान वेतन में वेतन निर्धारण कर स्थानीय निधि सपरिक्षक से सत्यापित कराकर आर्थिक लाभ दिया जा रहा था। इसी बीच राज्य शासन ने अपने आदेश क्रमांक एफ-36/पगांविवि/22-2/2013 दिनांक 17.5.2013 को 8 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षक(प/ननि)को शासकीय शिक्षको के समतुल्य छ.ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009(छठवाँ  वेतनमान) के नियम  03 एवम् 04 अनुसूची -एक में सहायक शिक्षक ,शिक्षक,व्यख्याता के लिए निर्धारित वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे देने के आदेश दिए ।
  चूँकि 8 वर्ष की पूर्ण तिथि में शिक्षक(पं/ननि) सवर्ग का वेतन निर्धातन शासकीय सेवको की भाँति छ .ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 05 के तहत समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर प्राप्त कर रहे  विद्यमान मूल वेतन का 1.86 से  गुणा कर प्राप्त राशि को पूर्णांकित करते हुए उस पद का ग्रेड पे जोड़कर वेतन निर्धारण किया जाना था ।
जबकि इसी नियम के तहत पदोन्नत शिक्षक(पं/ननि) का पदोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण किया गया ।परन्तु समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान में उन्नयित वेतन प्राप्त कर रहे शिक्षक(पं/ननि) का वेतन निर्धारण नियम 08 के तहत नव नवनियुक्त कर्मचारी मानते हुए न्यूनतम में वेतन निर्धारण कर दिया जिससे पदोन्नत एवम् क्रमोन्नत कर्मचारियों के बीच वेतन में 10 से 12 हजार की वेतन विसंगति हुई है ।
 चूँकि राज्य शासन अपने आदेश दिनांक 30 जून 2018  के अनुसार 1.7.2018की स्थिति में 8 वर्ष या इससे अधिक सेवा अवधि पूर्ण करने वाले  शिक्षक (पं/ननि)सवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित सहायक शिक्षक,शिक्षक एवम् व्यख्याता पद पर संविलयन करते हुए शासकीय करण कर दिया है।
 और शासकीय सेवको के समान छ.ग. वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के नियम 07 के तहत विद्यमान वेतन का 2.57 से गुणा कर वेतन निर्धारण कर समस्त प्रकार के भत्ते प्रदान कर रही है ।परन्तु शासकीय सेवको की भाँति  समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन  पुनरीक्षण नही किया गया है। और ना ही 10 वर्ष में प्रथम 20वर्ष में दुवितीय एवं 30 वर्ष ने तृतीय समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान  दिया जा रहा है।जिससे पुनः वेतन विसंगति उत्पन्न हो गयी है ।
  कमलेश्वर सिंह ने बताया कि0 6.03.2017 को सयुक्त सचिव वित्त ,अपर मुख्य सचिव ,संचालक पंचायत को अभ्यवेदन दिया गया।  दिनांक 13 .7.2018 को संचालक लोकशिक्षण ,27.7.2018 को वेतन आहरण अधिकारी को समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण कर  सातवां वेतनमान एवम् तीन स्तरीय समयमान वेतन प्रदान करने हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था परन्तु अभ्यावेदन पर विचार नही करने से क्षुब्द होकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी है ।
  कमलेश्वर सिंह ने बताया कि वित्त विभाग दुवरा आदेश क्रमांक 223/वित्त /नियम/चार /09/दिनांक 10 अगस्त  2009 को मार्गदर्शन जारी कर स्पष्ट किया है कि एक विभाग से दूसरे विभाग में  संविलयन किये गए कर्मचारियों को पूर्व सेवा की गणना करते हुए समयमान वेतनमान की लाभ की पात्रता होगी  ।अतः शिक्षक (पं/ननि)का शासकीय सेवा में संविलयन हो गया है अतः शिक्षक(एल बी)सवर्ग को पूर्व सेवा की गणना कर समयमान वेतनमान की पत्रता है ।हमे देर सबेर न्याय् मिलेगा ।
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