स्मार्ट सिटी­..स्मार्ट लोगों की स्मार्ट अप्रोच

BHASKAR MISHRA
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IMG_20150901_163059बिलासपुर—फोटो में दिखाई दे रहा यह खूबसूरत नजारा रिंग रोड नम्बर दो और उस्लापुर ब्रिज के पास मुख्य मार्ग को जोडने वाली सड़क का है। फोटो में पेड़ के पीछे दो चार ट्रक भी खड़े हैं। निगम आयुक्त के बंगले के बगल से निकलने वाली यह सड़क इन दिनों ट्रक पार्किंग का अघोषित अड्डा बन गया है। यहां चौबीस घंटे ट्रकों की अच्छी खासी भीड़ रहती है। शराबियों को ट्रकों के खड़े रहने से अपने गम को गलत करने के लिए रात का भी इंतजार नहीं करना पड़ता है। सड़क के दोनो तरफ ट्रकों के खड़े होने से अच्छा खासा टू लेन सड़क वन वे बनकर रह गया है। पास में ही निगम आयुक्त का निवास भी है।

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           रिंग रोड नम्बर दो को उस्लापुर ब्रिज के पहले मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क को दो साल पहले ही बनाया गया है। निगम ने सड़क की जमीन को झुग्गी झोपडी और बिल्डरों की बुरी नीयत से कड़ी मशक्कत के बाद बजाया था। बाद में मंगला चौक पर दवाब को कम करने के लिए निगम ने रिंग रोड और मुंगेली रोड को सड़क निकालकर जोड़ दिया।

       स्मार्ट लोगों के प्रयास से अब यह सड़क वन में तब्दील हो चुकी है। पेड़ों का सहारा लेकर ट्रांसपोर्टर और व्यवसायियों ने सड़क के दोनों ओर कब्जा कर लिया है। इसके चलते यहां कई बार जानलेवा एक्सीडेन्ट भी हो चुका हैं। निगम का ध्यान फिलहाल इस तरफ नहीं है। कुछ महीने पहले निकाय सचिव आर.पी.मंडल ने जरूर इसे गंभीरता से लिया था लेकिन अब निगम को अवैध पार्किंग को लेकर किसी प्रकार की हिदायत याद नहीं है।

         महत्वपूर्ण सड़क के बीच से थोड़ा हटकर दोनो तरफ तीन चार बड़े पेड़ं भी खड़े हैं। हरियाली और आस्था को ध्यान में रखते हुए निगम ने पेड़ को नहीं काटा। बल्कि पेड़ों के दोनो तरफ सड़क निकाल दिया। जो अब राहगीरों के इस्तेमाल में ना होकर ट्रांसपोर्टरों और लकड़ी व्यावसायियों के उपयोग में आ रही है। सड़क और पेंड़ों की छांव पर ट्रांसपोर्टर और व्यवसायियों का एकाधिकार हो गया है। नतीजन आवागमन के लिए अच्छी खासी चौड़ी सड़क वन वे बनकर रह गयी है।

                                                     पेड़ के सीध में 24 घंटे ट्रक खड़े होने से रास्ता काफी सकरा हो गया है। आए दिन एक्सीडेन्ट की शिकायत मिलती है। सूनसान क्षेत्र होने के कारण शराबी भी पेड़ की आड़ में खडे ट्रकों का सहारा लेकर दिन दहाड़े अपने मंसूबों को कामयाबी का जामा पहनाते हैं। आने जाने वाले लोगों और लड़कियों को रोजाना छींटाकशी का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर बेतरतीब पड़े शहतीर भी असामाजिक तत्वों को ना केवल पनाह दे रहे हैं बल्कि आने जाने वालों को मौत का निमंत्रण भी देते हैं।

   IMG_20150901_162942            स्मार्ट सिटी के स्मार्ट सडक के बीच में एक बिजली खंबा भी है। उसने अभी तक एक दर्जन से अधिक लोगों को अस्पताल का रास्ता दिखा दिया है। खंभे और तार से कई बार कई गाड़ियां टकरा चुकी हैं। ट्रांसपोर्टरों ने वहां भी अपनी ट्रको को खड़ा कर अस्थायी गैराज बना लिया है। पेड़ों के नीचे लकड़ी की चीर फाड़ भी होती है। मैकेनिकों ने भी सड़क पर कब्जा कर लिया है।

               बहरहाल शहर को स्मार्ट सिटी का लायसेंस मिल ही गया है। जाहिर सी बात है बिलासपुर के लोग लापरवाही और सरकारी संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने भली भांति जानते हैं। इस सड़क के साथ भी वैसा ही हो रहा है। कुछ लोगों ने तो बीच सड़क में लकड़ी का खांभ भी गाड़ दिया है। जो मौत को रोज निंमंत्रण देता है। ऐसा हो भी क्यों ना क्योंकि शहर हमारा स्मार्ट हो रहा है तो लोगों का स्मार्ट होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। चाहे किसी को असुविधा हो उन्हें इससे क्या लेना-देना।

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