सोशल मीडियाः रेणु जोगी का सोनिया गांधी को मार्मिक पत्र….लिखा…कल्पना नहीं थी कि आपको पत्र लिखना होगा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— सोशल मीडिया पर कोटा विधायक रेणु जोगी का पत्र सोनिया गांधी के नाम जमकर पढ़ा जा रहा है। लोग पत्र को लेकर अलग अलग अर्थ निकाल रहे हैं। पत्र का मजमूम कुछ ऐसा है कि एक पढ़ना शुरू करें तो खत्म होने के बाद ही लोग रूक रहे हैं। पत्र को जस का तस पेश किया जा रहा है।पत्र की शुरूआत सोनिया गांधी के सम्बोधन और प्रणाम के साथ शुरू किया गया है।
 आदरणीय सोनिया जी,
सादर प्रणाम ।
        मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि मेरे जीवन से जुड़े निर्णय आपको बताने के लिए मुझे आपको पत्र लिखने की आवश्यकता पड़ेगी। तीन दशकों से भी ज़्यादा  हो गए, हमारे बीच संबंध इतने प्रगाढ़ हैं कि मेरे और आपके बीच कभी कोई दीवार नहीं रही। मैंने सदैव आपको अपना आदर्श माना। मेरे परिवार और आपके परिवार में कभी कोई परायापन नहीं रहा। हम निस्वार्थ भावना से एक दूसरे से जुड़े रहे। सुख-दुख, राजनीतिक, गैर राजनीतिक सभी परिस्थितियों में हम एक दूसरे के हितों के लिए तटस्थ खड़े रहे। आपने मुझे बहुत प्यार और सत्कार दिया। मैंने भी आपके प्यार का सम्मान करते हुए बराबरी से हर प्रतिकूल परिस्थिति में आपका साथ दिया। मेरे पति और गांधी परिवार के प्रति सर्वोच्च  निष्ठा रखने वाले, जोगी जी जब अपमानित होकर, कांग्रेस से अलग हुए और अपनी नई पार्टी बनाई तब भी  मैंने कांग्रेस और गांधी परिवार को अपने परिवार से ऊपर रखा और कांग्रेस पार्टी की सेवा करती रही।
                     जोगी जी द्वारा नई पार्टी बनाने के बाद, उनको रोकने और अपना राजनीतिक हित साधने, उनके विरोधियों ने मुझे निशाना बनाया। मुझे सार्वजनिक जीवन में प्रताड़ित किया गया, फिर भी मैं चुप रही। मेरे खिलाफ कांग्रेस के ही  नेताओं ने झूठा अभियान चलाया, मैं चुप रही।  गलत ख़बरें छपवाई, मैं चुप रही। मेरा पल पल अपमान किया, मुझे बैठकों में नही बुलाया, मैं चुप रही। मुझे सदन में उपनेता के पद से हटाया, मैं चुप रही। सदन के भीतर मुझ पर मेरे ही पार्टी के लोगों ने तंज कसे, मैं चुप रही । फ़र्ज़ी सीडी लाकर मेरे पति और पुत्र को बदनाम किया गया, मैं चुप रही। मैं दो वर्षों से निरंतर अपमानित होती रही लेकिन कभी भी आपको एक शब्द नही बताया, मैं चुप रही। हमेशा पार्टी हित के लिए चुपचाप सब सहती रही। एक क्षण के लिए भी मुझे ऐसा नही लगा कि आप मेरे साथ नही खड़ी हैं।
            मैंने हमेशा कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के प्रति अपनी मजबूत निष्ठा रखी। कभी किसी के दबाव में नही आयी। अपने स्वयं के परिवार के हितों को तिलांजलि देकर, आगे बढ़ी और कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य किया। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। अंत में आखिर वही हुआ जो कांग्रेस के हितैषी नही बल्कि जोगी जी के विरोधी चाहते थे। जिस कोटा विधानसभा क्षेत्र को मैंने  अपने परिवार की तरह पाला और सेवा की, उसे ही मुझसे आज छीन लिया गया।  मेरी सरलता, मासूमियत, मेरे त्याग और निष्ठा को जानबूझ कर एक षड्यंत्र के तहत द्वेष, ईर्ष्या और संकीर्ण राजनीति के चश्मे से देखा गया और आज उस षड्यंत्र को अंजाम तक पहुँचाने, मेरे अस्तित्व को मिटाने का प्रयास हुआ है। अब तक बात मेरे परिवार तक सीमित थी लेकिन आज मेरे कोटा वासियों से मुझे दूर करने का अनैतिक और अन्यायपूर्ण कृत्य हुआ है।
                       मुझे आपको सूचित करते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि पार्टी में एक निष्ठावान और वरिष्ठ महिला कार्यकर्ता के आत्मसम्मान और त्याग को परखने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस पार्टी में न तो विवेक है और न ही कोई व्यक्ति। शायद आप विवश हैं इसलिए आपने सही-गलत का निर्णय लेने में देर कर दी।
                  मुझे कोटा से कोई अलग नहीं कर सकता। मैंने अपना शेष जीवन कोटावासियों को समर्पित कर दिया है। मैं कोटा से चुनाव लड़ूँगी यह साबित करने के लिए कि सच चुप रहता है पर इसका मतलब यह नही कि वो पराजित हुआ। मुझे विश्वास है कि अंत में सच की ही जीत होगी।
                आपसे मेरे निजी संबंध और सम्मान सदैव वैसे ही रहेंगे जो पिछले तीन दशकों से हैं। मैं ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्धायु की कामना करती हूँ।
                                                                                                                                           आपकी अपनी,
                                                                                                                                             डॉ रेणु जोगी
                                                                                                                                             (विधायिका)
                                                                                                                                   कोटा विधानसभा, छत्तीसगढ़
नोटः मामले में कोटा विधायक रेणु जोगी से पत्र की सत्यता को जानने का प्रयास किया गया। लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका है।
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