रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने विधानसभा चुनाव के दौरान डाक मतपत्र की व्यवस्था को लेकर मुद्दा उठाया है । संघ का कहना है कि प्रदेश में दो चरण में संपन्न होने वाले विधानसभा चुनाव में गठित मतदान दल के शासकीय अधिकारी- कर्मचारी डाक मत पत्र प्राप्त करने में हो रहे विलंब व प्रक्रियात्मक परेशानियों से गुजरने के कारण मतदान महादान करने के प्रति चिंतित दिखाई दे रहे हैं । संघ ने इसके लिए राज्य शासन के एकमात्र शासकीय मुद्रणालय में पद रिक्त होने तथा रिक्त पदों पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से काम चलाने को मुख्य कारण निरूपित किया है । ऐसी स्थिति में वोट हमारा है अधिकार कभी ना करें इसे बेकार ……की भावना शासकीय सेवकों के लिए फलीभूत होने के प्रति प्रदेश के कर्मचारी दुविधा में है ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पी आर यादव में बताया है कि प्रथम चरण के बस्तर संभाग व राजनांदगांव जिले में संपन्न होने वाले निर्वाचन दल के अधिकारी – कर्मचारियों को डाक मतपत्र अंतिम समय में भागदौड़ कर प्राप्त हो पाया है । वर्तमान में बिलासपुर संभाग के 7 विधानसभा क्षेत्रों में मस्तूरी ,कोटा, मरवाही , बेलतरा के लिए डाक पत्र का मुद्रण नहीं हो पाया है। वहीं तखतपुर ,बिल्हा ,बिलासपुर के लिए छपे डाक मतपत्र का सक्षम अधिकारियों द्वारा अनुमोदन नहीं किया जा सका है । इसके अतिरिक्त बेमेतरा , रायपुर , मुंगेली , बालोद , धमतरी में भी डाक मतपत्र तैयार नहीं हो पाया है । इस अव्यवस्था के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय मुद्रणालय जैसे अति संवेदनशील व महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय मुद्रणालय के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया ही जिम्मदेार है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय मुद्रण लाय जैसे अति संवेदनशील व महत्वपूर्ण राज्यस्तरीय कार्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति समय रहते नहीं कियागया है । मुद्रणालय में स्वीकृत 11 कंप्यूटर ऑपरेटर के पद रिक्त है । इसी तरह वरिष्ठ एडिटर कनिष्ठ एडिटर हेड एग्जामिनर आदि के 11 – 12 पद रिक्त हैं । इनका कार्य दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व चतुर्थ श्रेणी के अनुभवी कर्मचारियों द्वारा संपादित किया जा रहा है । ऐसी स्थिति में शासकीय मुद्रणालय ताले बंदी के कगार पर है । शासकीय डायरी कैलेंडर आदि का प्रकाशन प्रेस से बाहर टेंडर करा कर किया जाता है । किंतु डाक मतदान अत्यंत गोपनीय वह संवेदनशील प्रकृति का कार्य है । इसलिए डाक मतपत्र का मुद्रण कार्य शासकीय प्रेस से बाहर कराया जाना संभव नहीं है । इन परिस्थिति में मतदान के इच्छुक शासकीय सेवकों को निर्धारित प्रपत्र 12 भरने प्रशिक्षण के दौरान उसे अपने पहचान पत्र के साथ जमा करने के बाद डाक मतपत्र प्राप्त होने में विलंब होने से भागम – भाग की स्थिति निर्मित होगी ।
सभी कठिनाइयों के बाद भी संघ ने प्रदेश के शासकीय सेवकों को डाक मतपत्र का अधिकाधिक प्रयोग कर अपने मताधिकार का राष्ट्रहित में प्रयोग करने की अपील की है । ताकि प्रदेश के कर्मचारी भी भारत निर्वाचन आयोग की भावना व छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की मंसा के अनुरूप गर्व से कह सकें कि…. वोट मैं अपना देकर आई ….चुनकर है सरकार बनाई…..।। संघ के प्रांताध्यक्ष पीआर यादव प्रदेश के सभी जिलों के रिटर्निंग ऑफिसर से अपील की है कि मतदान दलों के अधिकारियों कर्मचारियों को डाक मतपत्र प्रयोग करने अधिकाधिक समय व सुविधा देने की व्यवस्था करेंगे । विशेषकर सामग्री वितरण व सामग्री वापसी की तिथि और उसके बाद मतगणना दिवस 11 दिसंबर के 1 दिन पहले 10 दिसंबर तक डाक मतपत्र का उपयोग करने की सुविधा दी जानी चाहिए ।