व्यय प्रेक्षको पर बंधक बनाने का आरोप…महिलाओं की पुलिस से शिकायत..;4 घंटे करना पड़ा शर्मिन्दगी का सामना

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— गौरेला थाना में दो व्यय प्रेक्षकों के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी समर्थकों ने लिखित शिकायत कर गाडी समेत बंधक बनाने का आरोप लगाया है। गाड़ी में सवार भाजपा समर्थक महिलाओं ने पुलिस को लिखित शिकायत में बताया कि व्यय प्रेक्षक वाचस्पति त्रिपाठी और निशांत समैया के साथ प्रधान आरक्षक गर्ग ने करीब चार घंटे तक गाड़ी समेत महिलाओं को रोककर रखा। इस दौरान महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

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                   भाजपा प्रत्याशी समर्थकों ने गौरेला थाना पहुंचकर लिखित शिकायत में बताया कि खैरझिटीं के पास दो व्यय प्रेक्षकों ने महिलाओं समेत गाड़ी को करीब तीन से चार घंट बन्धक बनाकर रखा। जबकि व्यय प्रेक्षकों की मांग पर रिटर्निंग अधिकारी का अनुमति पत्र भी दिखाया गया। बावजूद इसके गाड़ी में सवार सभी महिलाओं को चार घंटे तक बन्धक बनाकर रखा गया।

                             महिलाओं की शिकायत पर गौरेला पुलिस ने लिखित आवेदन लेकर जांच पड़ताल की बात कही है। महिलाओं के साथ भाजपा प्रत्याशी अभिकर्ता शंकर कंवर ने शिकायत में पुलिस को बताया कि मारूति गाड़ी एमपी-04CF-3430 चुनाव प्रचार के लिए अनुमति प्राप्त है। बावजूद इसके गाड़ी को ना केवल रोका गया। बल्कि दोनों व्यय प्रेक्षकों ने चार घंटे तक सवार महिलाओं को बंधक बनाकर रखा। इस दौरान आरक्षक ने महिलाओं के बैग की ना केवल जांच पड़ताल की गयी। महिलाओं के साथ गाली गलौच भी हुई है। इससे गाड़ी में सवार सभी महिलाओं को भारी शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ा है। मान सम्मान को भी ठेस पहुंचा है। जबकि जांच पड़ताल के दौरान महिला आरक्षक का होना जरूरी था। लेकिन एक भी महिला आरक्षक नजर नहीं आयी।

किसी को नहीं बनाया गया बंधक

               गौरेला थाना प्रभारी गौरेला ने बन्धक बनाए जाने की बात से इंकार किया। राजकुमार ने बताया कि दोनों व्यय प्रेक्षक और प्रधानआरक्षक ने किसी भी गाड़ी या महिलाओं को बंधक नहीं बनाया है। खैरझिटी गांव राज्य की सीमा पर है। हमेशा की तरह आज भी गाड़ियों की जांच पड़ताल की जा रही थी। जांच पड़ताल के दौरान दोनों व्यय प्रेक्षक भी मौके पर पहुंच गए।  गाड़ी के अन्दर भारी मात्रा में चुनाव सामाग्री भी थी। व्यय प्रेक्षकों ने चुनाव प्रचार में लगी गाड़ी का अनुमति पत्र मांगा। लेकिन किसी ने भी रिटर्निंग अधिकारी का अनुमति पत्र नहीं दिखाया। करीब तीन-चार घंटे बाद अभिकर्ता अनुमति पत्र लेकर पहुंचा। इसके बाद गाड़ी को छोड़ा गया। इस बीच गांड़ी में रखे चुनाव प्रचार सामाग्री की भी जांच पड़ताल की गयी। यद्यपि व्यय प्रेक्षक और पुलिस ने गाड़ी को छो़ड़कर सवार सभी महिलाओं को जाने की इजाजत भी दी। बावजूद इसके सभी लोग करीब तीन घंटे बाद अनुमति पत्र का इंतजार करते रहे।

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