बिलासपुर-छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 18 सीटों पर वोटिंग जारी है. वहीं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. सभा में आई हुई पब्लिक से मोदी ने अधिक से अधिक मतदान की अपील करते हुए कहा कि मतदान करना ये लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है और मुझे विश्वास है कि बम, बंदूक और पिस्तौल का दम दिखाने वालों को लोकतंत्र की ताकत जवाब दे करके रहेगी.पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ी में भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि छग महतारी ल प्रणाम, जम्मो सांगवारी, लइका ,सियान मन ल जय जोहार। छग आकर हुआ गदगद। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सेवा करने का हमें बार-बार मौका मिला है. उसका एक कारण है कि यहां की जनता और सरकार के बीच में संगठन के कार्यकर्ताओं की मजबूत कड़ी है.
हमारे विरोधी दलों को अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ मुकाबला कैसे करें. कांग्रेस पार्टी की पूरी की पूरी राजनीति एक परिवार से शुरू होकर उसी परिवार में आकर पूरी हो जाती है और हमारी राजनीति गरीब की झोपड़ी से शुरू होती है, गरीब की जिन्दगी को बदलकर रहे बिना चैन से सोना नहीं इस इरादे से आगे चलती है.
पीएम ने कहा कि इस देश में सन 1952 से अनेक चुनाव हुए लेकिन हर चुनाव जाति-बिरादरी के नाम पर लड़ा गया, परिवार के नाम पर लड़ा गया। मेरे-तेरे के बंटवारे पर लड़ा गया, गांव और शहर को बांटकर लड़ा गया, अमीर और गीरब की खाई पैदा कर लड़ा गया।हमारे पास विकास का मजबूत इतिहास है, हर तराजू पर जिसे तोला जा सकता है, जिसे हर मानदंड से मापा जा सकता है, हमने हर कसौटी पर विकास के मुद्दे पर परिणाम हासिल किए हैं, परिवर्तन हासिल किया है
मोदी ने कहा कि हमारा मत है देश के अंदर बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, किसान को सिंचाई और बुजुर्गों को दवाई का पूरा प्रबंध होना चाहि.जो मां बेटे रुपयों की हेराफेरी में जमानत पर घूम रहें है, जमानत पर जिन्दगी जी रहें है वो आज दूसरों को ईमानदारी के प्रमाण पत्र बांट रहें है
कॉंग्रेस पर तंज़ कसते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए 36 बिंदु जारी किए। लेकिन नामदार का नाम 150 बार सर-सर बोला गया। यानी उनके लिए नामदार का नाम लेना जरूरी था छत्तीसगढ़ का विकास नहीं,अब तक सिर्फ नारे मिले, न नीति थी, न नीयत थी, न नेतृत्व था।पीएम ने कहा कि हमारे विरोधियों से पूछना चाहता हूं क्या कारण था जब छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का हिस्सा था तब वह बीमारू राज्यों की श्रेणी में शामिल था। अगर अब भी उनके पास रहा होता तो आज भी छत्तीसगढ़ में विकास नहीं पहुंच पाता।