कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं…अपोलो टीम का दावा….समय रहते पहचान और ईलाज के बाद…ठीक होते रहे मरीज

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—अपोलो हाॅस्पिटल में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम लेकर डॉक्टरों ने कैंसर की भयावहता और उससे बचने के बारे में जानकारी दी। डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर का नाम सुनते ही लोग भय में आ जाते हैं। कैंसर रोगी को रोग की तुलना में भय के कारण अधिक तकलीफ होती है। कैंसर की भयावहता में भय और भ्रांति प्रमुख कारण हैं।

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                     कैंसर के प्रति जागरूक करने को लेकर अपोलो में डाक्टरों की टीम ने पत्रकारों को जानकारी दी है। डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर पर समय रहते दृढ़ इच्छा शक्ति और समुचित उपचार से जीत हासिल की जा सकती है। आवश्यकता इस बात की है कि बीमारी के बारे में जनसामान्य  को जागरूक होने की सख्त जरूरत है। समुचित प्रचार प्रसार नहीं होने से लोग ज्यादा भय में रहते हैं।

                  अपोलो हाॅस्पिटल स्थित सभागार में पत्रवार्ता के दौरान सीईओ डाॅ सजल सेन नें बताया कि कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं है। यदि समय रहते लक्षणों की पहचना कर ली जाए तो कैंसर को ठीक किया जा सकता है। अपोलो में तीसरे स्टेप के कैंसर मरीजों को ठीक किया गया है। लोगों को भ्रांति से बचने की जरूरत है कि प्रदेश में कैंसर का इलाज मुश्किल है। इस दौरान कैंसर पर विजय हासिल करने वाले महिला मरीजों नें अपने अनुभवों को साझा किया। मरीजों ने कहा कि हमने दिल्ली और मुम्बई को नजरअंदाज कर अपोलो में इलाज कराया। आज हम आप सबके सामने स्वस्थ्य होकर बैठे हैं।

                   डाॅ अमित वर्मा बताया कि कैंसर के लक्षणों का समय पर पहचान करना सबसे महत्वपूर्ण है। यदि पहली और दूसरी अवस्था में कैंसर रोगी की पहचान हो जाए तो मरीज को 90 प्रतिशत सम्भावना होती है कि 100 प्रतिशत मरीज निरोगी होकर घर लौटें। आरंभिक अवस्था में बीमारी की पहचान होने से ईलाज में होने वाला खर्च और समय दोनों ही बचता है।देखने में आता है कि लोग अंतिम स्टेप में ईलाज कराने आते हैं। इससे मरीज को बचाना नामुमकिन है। हम केवल उसके दर्द और तकलीफ का इलाज कर पाने में ही सफल हो पाते हैं।

                      डॉ.वर्मा ने बताया कि लोगों में भ्रांति है कि कैंसर लाईलाज बीमारी है। जबकि इसमें थोड़ी भी सच्चाई नहीं है। कैंसर को ठीक करने के लिए जरूरत है कि समय रहते उसके लक्षण  को पकड़ा जाए। इन लक्षणों को पकड़ने के लिए हमें समय समय पर स्क्रीनिंग की जरूरत होती है। जैसा अन्य इलाज के लिए किया जाता है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

                डॉ. प्रियंका सिंह ने कैंसर सर्जरी की जानकारी दी। उन्होने विभिन्न स्टेप में होने वाली परेशानियों के बारे में बताया। प्रियंका सिंह ने बताया कि बिलासपुर अपोलो में अत्याधुिक रेडिएशन की ठीक वैसी ही सुविधा है। जैसी सुविधा देश के महानगरों के अस्पतालों में है। डॉ.परीदा ने मेडसिन की जानकारी दी। उन्होने बताया कि कैंसर 6.8 प्रतिशत कैंसर अनुवांशिक होते हैं।  कैंसर इलाज के दौरान शरीर के अंगो पर प्रभाव देखने को मिलता है। बाल भी गिरते हैं…लेकिन मरीज के ठीक होते ही सब कुछ सामान्य हो जाता है।

              इस दौरान बिन्नी सलूजा ने अपने ब्रेस्ट कैंसर होने की जानकारी दी। उन्होने बताया कि इलाज अपोलो हाॅस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकोें ने किया। उपचार के बाद अब सामान्य महसूस कर रही हैं। डाॅ.पुष्पा ने भी ब्रेस्ट कैंसर इलाज के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया। पुष्पा ने भी बताया कि अब वह ठीक महसूस कर रही हैं।

              सवाल जवाब के दौरान डॉ.सजल सेन और डॉ.अमित नें बताया कि वर्तमान जीवन शैली, प्रतिस्पर्धा और तनाव भरे जीवन नें कैंसर का दायरा बढा है। जरूरी है कि अनावश्यक भ्रांतियों में न पड़कर हम जीवन को सरल और आहार को संतुलित रखें। संतुलित जीवन और आहार स्वस्थ- सुखी जीवन का आधार है। इस दौरान डॉ.सजल और वर्मा ने बताया के शरीर में अचानक उतपन्न गांठ, आतरिक खून का रिसाव, घाव ना भरने की शिकायत को गंभीरता से लेकर तत्काल जांच कराया जाए।

                            डाॅ सजल सेन बताया कि अपोलो हाॅस्पिटल में कैंसर उपचार की सारी सुविधायें हैं। जानकारी दी कि अपोलो समूह के चेन्नई अस्पताल में एशिया की पहली अत्याधुनिक रेडियेशन मशीन पोटान स्थापित हुई है। जरूरत पड़ने पर बिलासपुर के कैंसर मरीजों के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। डॉ.सजल ने बताया कि 17 नवम्बर को अपोलो हाॅस्पिटल कैंसर पर विजय प्राप्त करने वाले मरीजों के साथ शहर के रामा मैग्नेटो माॅल में एक इवेंट आयोजित कर रहा है। जिसका उद्देश्य जागरूकता फैलना है।

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