बिलासपुर— एक बार फिर बिजली विभाग के ठेका कम्पनी के खिलाफ संविदा कर्मचारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शिकायत की है। मालूम हो कि चार पहले भी संविदाकर्मियों ने शिकायत की थी कि भोपाल की प्राइमवन कम्पनी दस साल से केवी स्टेशनों में कार्य कर रहे कर्मचारियों को निकाल रही है। इसके अलावा नौकरी से नहीं निकाले जाने की सूरत में ठेका कम्पनी के कर्मचारी 10 हजार रूपयों की मांग कर रहे हैं। नहीं दिए जाने पर आईटीआई नहीं होने का बहाना बनाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
शहर के 28 सब स्टेशनों में दस साल से काम कर रहे संविदाकर्मियों ने एक बार फिर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर दरवाजा खटखटाया है। संविदाकर्मियों ने तीन सूत्रीय मांग पेश कर नौकरी बचाए जाने की गुहार लगाई है। संविदाकर्मियों ने बताया कि शहर में 33/11 केवी के कुल 28 सब स्टेशन हैं। हम लोग पिछले 4 से 10 साल से अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं। हमेशा की तरह इस बार बिजली विभाग ने तीन साल के लिए प्राइम वन कम्पनी को ठेका दिया है। जबकि पिछली बार ठेका कम्पनी दूसरी थी।
संविदाकर्मियों ने बताया कि पाइम वन कम्पनी ने आपरेटरों के लिए आईटीआई अनिवार्य किया है। जबकि आपरेटर का काम करने वाले ज्यादातर लोगों का आईटीआई कोर्स मात्र 6 महीने का रह गया है। बावजूद इसके हम लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जबकि कम्पनी कर्मचारियों को कई बार बताया कि 6 महीने बाद डिग्री मिल जाएगी।
संविदाकर्मियों के अनुसार आपरेटरों को निकाले जाने के बाद जिन्हें भर्ती किया जा रहा है उनके पास अनुभव नहीं है। कई लोगों के पास तो आईटीआई कोर्स की डिग्री भी नहीं है। फिर भी हमारे अनुभव को दरकिनार कर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। काम से निकाले जाने से हमारी आर्थिक, मानसिक स्थिति बदतर होती जा रही है। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
काम से निकाले गए आपरेटरों ने बताया कि दस साल पहले नियुक्ति के समय आईटीआई अनिवार्य नहीं था। फिर भी हम लोग नौकरी के साथ आटीआई में प्रवेश लिया। 6 महीने बाद डिग्री भी मिल जाएगी।
संविदाकर्मियों ने कहा कि जिला प्रशासन कम्पनी को निर्देश दे कि आईटीआई डिग्री के 6 महीने का समय दे। साथ ही नौकरी से बाहर नहीं निकाले जाने की भी बात कही।